-मजिस्ट्रेट तैनात कर सौंपी जिम्मेदारी

Mawana : तहसील प्रशासन ने शिवरात्रि पर्व को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। कांवड़ यात्रा को शांति पूर्वक संपन्न कराने के लिए तहसील क्षेत्र में पड़ने वाले कांवड़ मार्ग को दो जोन और चार सेक्टरों में विभाजित कर मजिस्ट्रेट तैनात कर दिए हैं।

तैनात होगी फोर्स

एसडीएम मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि शिवरात्रि पर कांवड़ यात्रा के मद्देनजर तहसील क्षेत्र में पड़ने वाले कांवड़ मार्ग को दो जोन और चार सेक्टरों में बाटा है। बहसूमा कस्बे केबटावली नहर पुल से लेकर नासरपुर नहर पुल तक एक जोन और दूसरे जोन में मऊखास चेकपोस्ट मेरठ से लेकर मेडिकल कॉलेज नंगली रोड नहर पुल से कस्बा किठौर शाहजहांपुर तक क क्षेत्र लिया गया है।

मजिस्ट्रेट ने दिए निर्देश

जबकि चार सेक्टरों में सेक्टर नं.ख्फ् में बटावली नहर पुल से मवाना नहर पुल तक, सेक्टर ख्ब् में रामराज से बहसूमा एवं गणेशपुर, ख्भ् में मवाना नहर पुल से नासरपुर नहरपुल और सेक्टर ख्7 में नंगली रोड किठौर से शाहजहांपुर नहर पुल तक का क्षेत्र लिया गया है। दो जोन और चार सेक्टरों में रात-दिन के लिए मजिस्ट्रेट तैनात कर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। संबंधित ब्लॉक के बीडीओ, सिंचाई विभाग को कांवड़ यात्रा मार्ग दुरूस्त करने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त फोर्स तैनात रहेगा। चिकित्सा सुविधा के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है। शिवभक्तों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।

मनुष्य को हिंसा नही करनी चाहिए भाव भूषण महाराज

हस्तिनापुर : श्री दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर में आषाढ़ माह की अष्टान्हिका के पावन पर्व पर मुनि श्री क्08 भाव भूषण महाराज के पावन सानिध्य में प्रारंभ हुए श्री क्008 सिद्धचक्र महामंडल विधान में दूसरे दिन सुसज्जित मांडले पर म्ब् अर्घ चढ़ाए गए।

श्री नंदीश्वर द्वीप जिनालय में अष्टान्हिका महोत्सव में सर्वप्रथम मुख्य वेदी पर श्रद्धालुओ ने आदिनाथ भगवान का जलाभिषेक किया। मुख्य वेदी पर शांतिधारा करने का सौभाग्य आदर्श जैन को प्राप्त हुआ। तदोपरान्त सभी श्रद्धालु श्री पंचमेरू नंदीश्वरद्वीप जिनालय में पहुंचे और मंगलाष्टक के साथ विधान की क्रियाएं प्रारंभ की गई। श्री क्008 सिद्धचक्र महामंडल विधान केमांडले पर विराजित भगवान शांतिनाथ का इंद्रों ने अभिषेक किया।

मुनि श्री भाव भूषण महाराज ने धर्म प्रवचन करते हुए कहा कि किसी जीव की हिंसा नही करनी चाहिए व कष्ट नहीं देना चाहिए। यह अंहिसा का एक पहलू है वहीं किसी व्यक्ति को कष्ट से बाहर निकालना या निवारण करना दूसरा पहलू है। ये दोनों ही बाते साधक में एक साथ होना चाहिए। तभी वह अहिंसक बन सकता है।

सायंकाल में भगवंतों की मंगल महाआरती की गई। संचालन विधान संयोजक दिनेश जैन ने किया। महाप्रबंधक मुकेश, अशोक, अतुल , उमेश व कमल जैन का सहयोग रहा।