किया गया था प्रदर्शनों का आयोजन
गुरुवार को यहां प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। बताते चलें कि यह प्रदर्शन अज्ञात बंदूकधारियों की ओर से एक अलगाववादी कार्यकर्ता की हत्या के विरोध में किया जा रहा था। इस प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों की ठीक-ठाक भीड़ वहां पर इकट्ठा थी। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी पर गौर करें तो यह बताया गया है कि इस्लामिक स्टेट के ISIS नामक आतंकी संगठन के झंडे से मिलता-जुलता एक काला बैनर थामे नकाबपोश युवकों का एक समूह वहां पहुंचा।

ऐसे शुरू हुआ दहशत का मार्च
इन युवकों के समुह ने जुमे की नमाज के तुरंत बाद जामिया मस्जिद से नौहाटा चौक तक अपना मार्च निकाला। इस मार्च का असल मकसद अपने नाम को लेकर क्षेत्र में दहशत फैलाना था। ताकि इससे वहां पर उनके नाम की दहशत की शुरुआत हो सके। सूत्रों के अनुसार इस मार्च को लेकर जब तक पुलिस हरकत में आती, तब तक इलाके में कुछ और युवाओं ने पाकिस्तानी झंडे भी फहरा दिए। इसके बाद पुलिस ने हालांकि दहशत फैलाने वाले इन लोगों को वहां से भगा दिया, लेकिन आसपास के क्षेत्र में स्थानीय लोग इससे खौफज़दा थे।

पुलिस से मिली जानकारी
पुलिस का कहना है कि अभी इस सिलसिले में कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है। वहीं दूसरी ओर सूत्रों ने बताया कि सोपोर व बारामुल्ला जैसे जिलों में कुछ स्थानों से हिंसक प्रदर्शनों के होने की भी खबर सुनने में आई है। इनको लेकर वहां सुरक्षा एजेंसियों से उनकी कुछ छुटपुट झड़पें भी हुईं। फिलहाल इन झड़पों में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

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