कानपुर (इंटनेट डेस्क)। Amritpal Singh : खालिस्तान समर्थक व 'वारिस पंजाब डे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह काे लेकर पंजाब पुलिस और तमाम सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर है। हर किसी की जुबान पर इसका नाम है। पुलिस से लेकर सुरक्षा एजेंसियां सभी पिछले काफी दिनों से इसकी तलाश में हैं। अमृतपाल सिंह के खिलाफ अभद्र भाषा से संबंधित व अपहरण से संबंधित मामले दर्ज हैं। हालांकि यहां गाैर करने वाली बात है कि कुछ महीने पहले तक बहुत से लोग इस खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह के बारे में जानते तक नहीं थे और आज यह अब पंजाब का मोस्ट वांटेड क्रिमिनल है। इतना ही नहीं उसके इतने फाॅलाेवर्स सामने आ रहे हैं कि उसके खिलाफ राज्य पुलिस की कार्रवाई पर उन्होंने विदेशों में भारतीय दूतावासों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

कार्गो कंपनी में ऑपरेशनल मैनेजर के रूप में कार्यरत था

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह 30 साल है। यह पंजाब के अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा का रहने वाला है। उसका परिवार कथित तौर पर दुबई में एक ट्रांसपोर्ट बिजनेस करता है और अमृतपाल 2012 से वहां रह रहा था। उसकी सोशल मीडिया प्रोफाइल का कहना है कि उसके पास पंजाब के एक विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री है और उसने एक कार्गो कंपनी में ऑपरेशनल मैनेजर के रूप में काम किया। केंद्र के अब निरस्त कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के साल भर के विरोध के दौरान अमृतपाल ने भारत की यात्रा की और आंदोलन में शामिल हुआ।

कुछ इस तरह से बदला अमृतपाल सिंह का लुक

अमृतपाल का दुबई में क्लीन शेव ट्रांसपोर्टर से लंबी दाढ़ी वाले अलगाववादी सिख नेता में परिवर्तन तेजी से हुआ है। सोशल मीडिया पर सामने आयी पुरानी तस्वीरों में वह काफी अलग दिख रहा। इसमें उसके बाल और दाढ़ी बड़े करीने से छंटे हुए थे। वहीं हालिया तस्वीरों में अब वह एक धर्मनिष्ठ सिख की तरह लग रहा। बिना कटे बालों के साथ एक नीली पगड़ी, एक लंबी लहराती दाढ़ी, उसकी कलाई पर एक स्टील का चूड़ा और एक छोटा पवित्र खंजर जिसे कृपाण कहा जाता है, उसकी कमर से लटका हुआ। अमृतपाल सिंह की शादी यूके में रहने वाली एनआरआई से हुई है।

खुद को वारिस पंजाब डे का नेता घोषित किया

पंजाबी अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू जिन्हें 26 जनवरी, 2021 को लाल किले पर किसानों के विरोध में गिरफ्तार किया गया था, ने जमानत मिलने के बाद वारिस पंजाब डे की स्थापना की। संगठन का घोषित उद्देश्य पंजाब के अधिकारों के लिए लड़ना था। हालांकि पिछले साल एक दुर्घटना में दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल सिंह ने खुद को वारिस पंजाब डे के नेता के रूप में घोषित कर दिया था। इसके बाद से वह राजनेताओं और पुलिस के ध्यान में आया। इसके अलावा वह अपने खालिस्तानी समर्थक व भड़काउ भाषणों को लेकर चर्चा में बना है।

खालिस्तान की मांग करना गलत क्यों

अमृतपाल भिंडरावाले की तरह कपड़े पहनता है और कुछ लोग उसे भिंडरावाले 2.0 बुला रहे हैं। भिंडरावाले एक कट्टर धार्मिक नेता, रूढ़िवादी सिख संगठन, दमदमी टकसाल के प्रमुख थे। हाल के एक भाषण में, उसने कहा कि जब वह अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा तो 'एजेंसियों' ने उनसे पूछताछ की। एक सिख युवक से उसकी मातृभूमि लौटने के बारे में पूछताछ 'गुलामी' का संकेत है। वह काफी समय से फेसबुक पर खालिस्तान का समर्थन कर रहा है। उसने पूछा कि अगर हिंदू राष्ट्र की वकालत करने पर सजा नहीं दी जाती है तो एक सिख के लिए खालिस्तान की मांग करना गलत क्यों है।

अमृतपाल सिंह के नाम की चर्चा शुरू हो गई

इस फरवरी में अमृतसर के बाहरी इलाके में एक पुलिस स्टेशन पर उसके समर्थकों द्वारा हमला किए जाने के बाद अमृतपाल सिंह के नाम की चर्चा शुरू हो गई थी। तलवारें लहराते हुए और सिख पवित्र पुस्तक को ढाल के रूप में इस्तेमाल करते हुए, वे अंदर घुसे और पुलिस से यह आश्वासन लिया कि उनके प्रमुख सहयोगी, अपहरण के मामले में आरोपी लवप्रीत सिंह को रिहा कर दिया जाएगा। इस घटना ने सुर्खियां बटोरीं और अमृतपाल को एक मंच प्रदान किया जहां से उसने 'खालिस्तान' के "अंतिम लक्ष्य" के लिए लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का आह्वान किया।

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