-वार्ड में दीवारों से सीपेज हो रहा बारिश का पानी

-भर्ती मरीजों को करना पड़ता है परेशानी का सामना

- जबकि अस्पताल प्रशासन सुविधा के नाम पर मरीजों से लेता है शुल्क

GORAKHPUR: जिला अस्पताल के स्पेशल वार्ड की बात की जाए तो यह सिर्फ कहने के लिए है। मरीजों से इलाज के नाम पर अस्पताल प्रशासन सुविधा शुल्क वसूल करता है लेकिन वार्ड में सुविधा की बात की जाए तो वह कोसों दूर है। बारिश में वार्ड में सीपेज के चलते दीवारें पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। छतों की स्थिति ठीक नहीं है। जिसकी वजह से मरीजों के साथ तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

बारिश ने खोल दी पोल

बीते दिनों हुई मुसलाधार बारिश ने अस्पताल प्रशासन की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। बारिश के चलते स्पेशल वार्ड में जलजमाव की स्थिति कायम रही। इसके चलते भर्ती मरीज और तीमारदारों को काफी दिक्कत उठानी पड़ी। बताते चलें कि सीपेज के चलते वार्ड के दीवार और छत पूरी तरह से जर्जर हो गए है। जबकि पूर्व एसआईसी ने वार्ड की मरम्मत के लिए लाखों रुपये खर्च किए थे फिर भी व्यवस्था नहीं सुधरी है। बारिश ने एक झटके में अस्पताल प्रशासन की व्यवस्था पर पानी फेर दिया। जबकि स्पेशल वार्ड के नाम पर अस्पताल प्रशासन प्रति मरीज से बेड चार्ज 35 रुपये, ब्लड ट्रांसफ्यूजन जार्च 135 रुपये प्रति पिक, एलपी जार्च 135 रुपये और अल्ट्रा आट्री कुवर इंजेक्शन लगाने के लिए 134 रुपये प्रति मरीज से वसूल करता है।

यहां होता है स्पेशल इलाज

अस्पताल के स्पेशल वार्ड में सिर्फ कहने को ही स्पेशल तरीके से इलाज होता है लेकिन चिकित्सकीय सुविधा की बात की जाए तो मरीजों को नहीं मिलती है। यहां सिर्फ डॉक्टर्स मरीजों को परामर्श देते हैं। एक तीमारदार ने बताया कि मरीजों की सुविधा के लिए वार्ड में ही नर्सिग सेंटर बना है लेकिन यहां पर कोई स्टाफ नहीं रहता है। मरीज को यदि परेशानी होती है तो उन्हें प्राइवेट वार्ड में जाना होता है। इसके चलते मरीजों को दिक्कत होती है। इसके अलावा दवा से लेकर जांच तक बाहर कराना होता है।

कोट

इलाज के नाम पर मरीजों से सुविधा शुल्क लिए जाते हैं लेकिन सच तो यह है कि यहां पर कोई भी उनकी परवाह नहीं करता। यहां पर स्टाफ दिखाई नहीं देते हैं। जरूरत पर तीमारदार खुद उन्हें बुलाने जाते हैं।

आशीष, तीमारदार

बारिश ने अस्पताल व्यवस्था के हकीकत की पोल खोल कर रख दी है। बारिश के चलते मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। वहीं वार्ड में सीपेज के चलते जलजमाव की स्थिति बनी हुई है।

रजनीश कुमार, तीमारदार

वर्जन

वार्ड में मरीजों की सेहत का पूरा ख्याल रखा जाता है। जहां तक वार्ड में सीपेज की बात है तो उसकी मरम्मत कराने के लिए इंजीनियर को कहा गया है। जल्द ही इसे ठीक करवा लिया जाएगा।

डॉ। राज कुमार गुप्ता, एसआईसी जिला अस्पताल