एक्सक्लूसिव

- शहर में 2100 फर्म महज कागजों पर चल रहीं, डॉक्यूमेंट्स संदिग्ध मिले

- ट्रेड टैक्स कमिश्नर ने सभी फर्मो की गहन जांच के दिए आदेश

- एक साल पहले ही हुआ रजिस्ट्रेशन, आईटीसी क्लेम का हो सकता है 'खेल'

kanpur@inext.co.in

KANPUR। टैक्स चोरी के लिए शहर में 2100 से ज्यादा फर्जी कंपनियां चल रही हैं। ये कंपनियां सिर्फ कागजों पर ही चल रही हैं। इन जरिए कोई व्यापार नहीं हुआ। वाणिज्य कर विभाग की जांच में यह बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में कंपनी के कागजात संदिग्ध पाए गए हैं। अहम बात ये है कि इन सभी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन एक साल पहले ही किया गया है। ट्रेड टैक्स कमिश्नर ने सभी फ‌र्म्स की पूरी जांच पड़ताल करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि जीएसटी लागू होने से पूर्व रजिस्ट्रेशन, पैन व फर्मो की जांच का काम विभाग में बहुत तेजी से चल रहा है। इसी जांच में फर्जी कंपनियों का खेल पकड़ में आया है।

500 से ज्यादा फर्जी क्लेम

विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में 500 से ज्यादा ऐसे मामले भी पकड़े हैं, जो फर्जी आईटीसी क्लेम से जुड़े हुए हैं। दरअसल ये सारे मामले भी इन्हीं फर्जी कंपनियों के हैं। जिसमें व्यापारी माल की बिक्री कागज पर दिखाकर टैक्स रिफंड ले लेते हैं। दरअसल एक सामान की मैन्युफैक्चरिंग से लेकर आखिरी बिक्री तक हर सेलर को टैक्स देना होता है, ऐसे में चक्रवृद्धि ब्याज की तरह दिये जाने वाले टैक्स का रिफंड व्यापारी को मिलता है। जो कि विभाग व्यापारी को देता है। जिसके लिए व्यापारी को क्लेम दायर करना पड़ता है। तमाम व्यापारी फर्जी फर्मे बनाकर उसमें से फर्जी लेनदेन दिखाकर क्लेम ले लेते हैं।

इस लिए बनाते हैं फर्जी फर्म

दरअसल टैक्स चोरी करने के लिए तमाम व्यापारी फर्जी फर्मो का सहारा लेते हैं। वे ऐसी फर्मे बना लेते हैं, जो कि सिर्फ कागजों पर चलती हैं। इन फर्मो के नाम पर फर्जी टैक्स इनवाइस जारी किए जाते हैं। फार्म 38 डाउनलोड किए जाते हैं। जिससे वाणिज्य कर के अलावा अन्य तरह के टैक्स में भी आसानी से कर चोरी हो जाती है। 5 लाख से ज्यादा के टर्नओवर पर रजिस्ट्रेशन जरूरी होता है। कई व्यापारी कई फर्म बनाकर टर्नओवर सबमें बांट देते हैं, ताकि रजिस्ट्रेशन का झंझट न पड़े।

एडिशनल कमिश्नर करेंगे जांच

फर्जी फर्मो के इस खेल को रोकने के लिए प्रत्येक एडिशनल कमिश्नर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस वित्तीय वर्ष में पंजीकृत सभी फर्मो का ब्यौरा मांगा गया है। ई संचरण के जरिए 25 लाख से अधिक का माल मंगाने पर भी विशेष नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।

वर्जन:

जांच में 2100 फर्मो के डॉक्यूमेंट्स सही नहीं पाए गए हैं। ये सिर्फ कागजों पर चल रही हैं। ऐसी सभी फर्मो की गहन जांच के आदेश दिए गए हैं।

- मुकेश मेश्राम, कमिश्नर, वाणिज्य कर