लखनऊ (एएनआई)। केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को याैन शोषण आरोप मामले में बड़ी राहत मिली है। उन पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली लाॅ स्टूडेंट मंगलवार को लखनऊ की एक विशेष अदालत के समक्ष अपने बयान से पलट गई है। इससे पहले गुुरुवार को चिन्मयानंद को सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरोपी पूर्व भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद को शाहजहांपुर की लाॅ स्टूडेंट द्वारा दर्ज कराए गए बयान की कॉपी देने के लिए कहा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को रद कर दिया था। शीर्ष अदालत में जस्टिस यू यू ललित की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा था कि चिन्मयानंद सीआरपीसी की धारा 164 के तहत जांच के दौरान पीड़िता द्वारा मजिस्ट्रेट के पास दर्ज कराए गए बयान तक नहीं पहुंच सकते हैं।

उच्च न्यायालय ने 6 दिसंबर को लाॅ स्टूडेंट जमानत दे दी थी

सुप्रीम कोर्ट का आदेश लॉ स्टूडेंट की उस याचिका पर आया था जिसमें उसने 7 नवंबर, 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें कहा गया था कि चिन्मयानंद 164 सीआरपीसी के तहत दर्ज पीड़िता के बयान की प्रमाणित प्रति पाने का हकदार था। शीर्ष अदालत ने पहले हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 6 दिसंबर को लाॅ स्टूडेंट जमानत दे दी थी।

5 करोड़ रुपये की राशि निकालने का प्रयास करने का आरोप

लाॅ स्टूडेंट पर तीन अन्य लोगों के साथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद से 5 करोड़ रुपये की राशि निकालने का प्रयास करने का आरोप था।यह मामला तब सामने आया जब छात्रा ने चिन्मयानंद पर दुष्कर्म करने के आरोप लगाए थे। इसके बाद लड़की और उसके तीन दोस्तों, संजय, सचिन और विक्रम के खिलाफ जबरन वसूली का मामला दर्ज किया गया। 6 नवंबर को SIT ने दुष्कर्म और जबरन वसूली मामले में चार्जशीट दायर की थी।

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