नई दिल्ली (पीटीआई)। कोरोना वायरस संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट में डिजिटल हियरिंग के दौरान एक वकील को बिस्तर पर लेटे हुए और टी-शर्ट पहनकर पेश होना महंगा पड़ा गया है। उनके इस पेश होने के तरीके पर जज ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सुनवाई की जन प्रकृति को ध्यान में रखते हुए अदालत के न्यूनतम शिष्टाचार का पालन किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामलों में पेश होने वाले वकील प्रेजेंटेबल होने चाहिए और ऐसी तस्वीरें दिखाने से बचें जो उचित नहीं हैं। जस्टिस एस रवींद्र भट ने अधिवक्ता की ओर से पेश माफी को स्वीकार कर लिया। अधिवक्ता ने कहा कि अदालत में पेश होने का उसका तरीका अनुचित था।

कोर्ट के न्यूनतम तौर तरीकों का पूरा पालन होना चाहिए

अदालत ने अपने 15 जून के आदेश में कहा, यह अदालत का विचार है कि जब वकील अदालत की सुनवाई में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई में पेश हो तो उन्हें प्रजेंटेबल होना चाहिए। उन्हें ऐसे वे चित्र दिखाने से बचना चाहिए, जो उचित नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सभी ऐसे दाैर से गुजर रहे हैं जहां डिजिटल कोर्ट द्वारा सुनवाई दिनचर्या का हिस्सा बन गई है। ऐसे में सुनवाई की जन प्रकृति को देखते हुए सभ्य परिधान वीडियो की पृष्ठभूमि के लिहाज से अदालत के न्यूनतम तौर तरीकों का पूरा पालन किया जाना चाहिए।

वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों की सुनवाई हो रही

यह घटना तब हुई थी जब सुप्रीम कोर्ट हरियाणा में रेवाड़ी की एक पारिवारिक अदालत में लंबित एक मामले को बिहार के जहानाबाद में सक्षम अदालत में स्थानांतरित करने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बता दें कि कोरोन वायरस महामारी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने अपने कामकाज को प्रतिबंधित कर दिया है, वर्तमान में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों की सुनवाई कर रही है।

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