- ऑनलाइन लर्निग लाइसेंस टेस्ट के लिए मॉडल प्रश्नोत्तर पुस्तिका का विमोचन
- डीटीओ, एमवीआइ और इएसआइ के बीच हैंडहेल्ड डिवाइस का किया गया वितरण
- परिवहन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है क्वेशचन मॉडल बैंक, टेस्ट के लिए हिंदी और अंग्रेजी भाषा का मिलेगा विकल्प
- ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन के बाद लेना होगा ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट
PATNA : अगर आप लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस लेना चाहते हैं तो मॉडल क्वेश्चन पेपर पढ़ लीजिए। क्योंकि अब ऑनलाइन छह सवाल सॉल्व करने पर लर्निग लाइसेंस बन पाएगा। इसके लिए शुक्रवार को बिहार के सभी जिलों में ऑनलाइन लर्निग लाइसेंस टेस्ट और हैंडहेल्ड डिवाइस से ई-चालान सेवा की शुरुआत की गई है।
तकनीकी रूप से मिलेगी मजबूती
विश्वेशरैया भवन सचिवालय सभागार में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सेवा का शुभारंभ करते हुए परिवहन मंत्री संतोष निराला ने कहा कि सरकार परिवहन व्यवस्था में सुधार और सुविधा बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू कर रही है। जिला परिवहन कार्यालयों को कंप्यूटराइज्ड करते हुए तकनीकी रूप से सुदृढ़ किया गया है।
पास होने के बाद ही मिलेगा लाइसेंस
परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि सभी वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा और यातायात से संबंधित नियमों की जानकारी हो, इसके लिए लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने में अब ऑनलाइन टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसमें पास होने के बाद ही आवेदकों को लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा।
वेबसाइट पर तीन सौ सवाल उपलब्ध
परिवहन विभाग ने इसके लिए क्वेशचन मॉडल बैंक भी तैयार किया है जो परिवहन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। कुल 300 प्रश्न डाले गए हैं। यातायात नियमों की जानकारी के अभाव में अक्सर वाहन चालक नियमों का उल्लंघन करते हैं, जिससे सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। वाहन चालकों को यातायात के नियमों की जानकारी जरूरी है।
टेस्ट का ऑनलाइन टाइम स्लॉट
लर्निग लाइसेंस के आवेदकों को संबंधित जिले के जिला परिवहन कार्यालय में एक निश्चित तिथि को ऑनलाइन टेस्ट के लिए बुलाया जाएगा। ऑनलाइन टेस्ट के लिए घर बैठे ही आवेदक सुविधानुसार टाइम स्लॉट की बुकिंग कर सकेंगे।
देना होगा 10 सवाल का जवाब
लर्निग लाइसेंस बनाने के लिए कंप्यूटर पर बैठकर ऑनलाइन टेस्ट पास करना होगा। सड़क सुरक्षा/यातायात नियमों से संबंधित कुल दस सवालों का टेस्ट होगा। आवेदक के पास हिंदी अथवा अंग्रेजी में परीक्षा देने का विकल्प होगा। आवेदक को पास करने के लिए कम से कम 6 सवालों का सही जवाब देना होगा। फेल होने वाले आवेदक को एक सप्ताह बाद टेस्ट में क्वॉलीफाई करने के लिए तीन मौके दिए जाएंगे। इस टेस्ट को पास करने वाले आवेदक को लाइसेंस उनके घर पर स्पीड पोस्ट से भेजा जाएगा।
भागने के बाद भी नहीं बच पाएंगे
वाहन जांच में पकड़े जाने के बाद भाग गए तब भी जुर्माना देने से नहीं बच सकेंगे। कार्यक्रम के दौरान डीटीओ, एमवीआइ और ईएसआई के बीच हैंडहेल्ड डिवाइस का वितरण किया गया एवं उन्हें प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर राज्य परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी, संयुक्त सचिव पंकज कुमार, उप सचिव शैलेंद्रनाथ, ओएसडी आजीव वत्सराज, एचडीएफसी के सर्किल हेड मनेश सिन्हा मौजूद थे।
ऑनलाइन टेस्ट के फायदे
- वाहन चालकों में यातायात नियमों से संबंधित जानकारी में वृद्धि।
- ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया में पारदर्शिता।
- आवेदकों को जिला परिवहन कार्यालय में समय की बचत।
- लाइसेंस बनाने में फर्जीवाड़े पर लगाम।
- टेस्ट के लिए अपनी सुविधानुसार टाइम स्लॉट की बुकिंग।
- टाइम स्लॉट बुकिंग कर अपनी सुविधानुसार तिथि एवं समय निर्धारित कर टेस्ट दे सकते हैं या इसे री शिड्यूल कर सकते हैं।
हैंडहेल्ड डिवाइस से ई-चालान के फायदे।
-हैंडहेल्ड डिवाइस में गाड़ी या चेसिस का नंबर डालते ही वाहन व वाहन चालक से संबंधित कागजात की जानकारी मिल जाएगी।
- वाहन चेकिंग के दौरान दोबारा पकड़े जाने पर ऑटोमेटिक पकड़ में आ जाएंगे वाहन चालक।
- ई-चालान कटते ही वाहन मालिक के पास चला जाएगा एसएमएस।
- जुर्माने की राशि ऑन स्पॉट डेबिट, क्रेडिट कार्ड और पेटीएम से जमा कर सकते हैं।