- शहर में कुत्ते हो गए खूंखार, लोगों का घर से निकलना दुश्वार

- लिसाड़ी गेट में घटना, बच्चे को जिला अस्पताल में नहीं मिला इलाज

Meerut : शहर में आवारा कुत्तों का आंतक इस कदर हावी हो गया है कि लोग बच्चों को घर से बाहर भेजते भी घबराते हैं। शुक्रवार को लिसाड़ी गेट में एक छह साल के मासूम को आवारा कुत्ते ने शिकार बनाया। कुत्ते ने उसका चेहरा नोंच डाला। गंभीर हालात में परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए, जहां से उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।

बुरी तरह जख्मी

लिसाड़ी गेट के छह साल के मासूम जियाउर्ररहमान को घर से बाहर निकलना भारी पड़ गया। कुत्ते ने उसके गाल को इतनी बुरी तरह से नोंचा कि उसे देख मां-बाप भी बेहोश हो गए। दर्द से तड़पता वो मासूम ठीक से मुंह तक नहीं हिला पा रहा था। जिला अस्पताल में बच्चा दो घंटे तक दर्द से कराहता रहा, लेकिन उसे उपचार तक नसीब नहीं हुआ। बाद में उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।

प्लास्टिक सर्जरी की नौबत

बच्चे के चाचा अरशद ने बताया बच्चे के मां-बाप तो उसे देखते ही बेहोश हो गए। कुत्ते ने इतनी बुरी तरह से काटा है कि उसकी शक्ल का आधा भाग तो खोखला सा नजर आने लगा। जिला अस्पताल के डॉ। राजकुमार के अनुसार बच्चे के गाल को कुत्ते ने इस कदर नोचा है कि घाव को भरने के बाद प्लास्टिक सर्जरी करनी पड़ेगी। जब कोई कुत्ता काटता है तो उसे रेबीज का इंजेक्शन लगाना जरुरी है। खासतौर पर अगर कुत्ता पालतू न हो तब तो और भयंकर परिणाम हो सकते है। वह पागल हो सकता है, या फिर मरने तक की आशंका भी हो सकती है।

इनसेट

हर माह तीन हजार

जिला अस्पताल के अनुसार सिटी में कुत्ते इतने खौफनाक हो गए हैं कि रोजाना में अब सौ रेबीज इंजेक्शन का लगना आम बात हो गई है और महीने भर में सिटी में औसतन तीन हजार इंजेक्शन केवल रेबीज के ही लगाए जाते हैं, जबकि पिछले साल रोजाना ख्0 से फ्0 और महीने में 900 इंजेक्शन ही लगते थे। तीन गुना केस यह साबित करते हैं कि सिटी में कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ रहा है।

खूंखार कुत्तों का राज

सिटी में इन दिनों कुत्ते का जबर्दस्त खौफ है। सिटी के कई इलाके ऐसे हैं जहां लोग डर-डरकर बाहर निकलते हैं। इनमें लिसाड़ी गेट, सदर कैंट इलाका, मेहताब सिनेमा और शहर घंटाघर सहित तमाम ऐसे इलाके हैं। जहां लोग आतंकी कुत्तों के खौफ में ही जी रहे हैं। सदर कैंट निवासी मोहिनी ने बताया कि यहां लोग जब सुबह और रातभर में घर से बाहर निकालते डरते हैं। यहां कुत्तों का गैंग है, जो रोजाना किसी न किसी को शिकार बनाता है। लिसाड़ी गेट निवासी आशिमा ने बताया कि मोहल्ले में एक माह में दस लोगों को कुत्तों ने बुरी तरह से घायल कर दिया है।

कुत्ते के काटने पर सबसे पहले रेबीज का इंजेक्शन लगवाना चाहिए। यह बेहद जरूरी है। रोजाना औसतन सौ रेबीज के इंजेक्शन लगाए जाते हैं।

-डॉ। सहदेव कुमार वालिया, एसआईसी, जिला अस्पताल