मोदी सरकार के पहले बजट से देश के सभी वर्ग ने कुछ न कुद उम्‍मीदें जरूर लगा रखी हैं. अब आने वाले दो दिनों में पता लग जायेगा कि आखिर कैसे अच्‍छे दिन आयेंगे. नौकरीपेशा लोगों को अच्‍छे दिन के लिये कम से कम दो साल का इंतजार करना पड़ सकता है. खबरों के मुताबिक सरकार की वित्‍तीय हालत बहुत खराब है और उसके हाथ बंधे हुये हैं. लेकिन थोड़ी बहुत राहत भी है. आइये पढ़ें पूरी खबर...


वित्तीय समीकरण्ा बिगडने की स्थिति सूत्रों के मुताबिक अगर सरकार मौजूदा आयकर छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करती है तो सरकार पर सालाना 64 हजार करोड़ का बोझ पड़ेगा. इस बोझ का सीधा असर पहले से पतली वित्तीय हालत पर पड़ेगा और बेकाबू होते वित्तीय घाटे को काबू करने में दिक्कतें आयेंगी. इतना ही नहीं आयकर की धारा 80सी के तहत 1 लाख रुपये तक के निवेश पर मिलने वाली छूट में भी किसी इजाफे की कोई उम्मीद नहीं है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक अगर 80सी के तहत 1 लाख की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख किया जाता है, तो सरकारी खजाने पर सालाना 40 हजार करोड़ का बोझ पड़ेगा. होमलोन के ब्याज दर में परिवर्तन
2014 के बजट का मोदी मंत्र आम लोगों को कुछ राहत जरूर देने की तैयारी कर रहा है. सूत्रों की माने तो वित्त मंत्री होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली छूट की सीमा को 1.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख तक कर सकते हैं. सरकार का मानना है कि इस सीमा को बढ़ाने से सरकारी खजाने पर कुछ खास असर नहीं पड़ेगा. इसके अलावा सरकार टैक्स से होने वाली आमदनी और जीडीपी में सही अनुपात बैठाने की कोशिश भी कर रही है. इसके अलावा निवेशकों और बड़ी कंपनियों को देश में निवेश के लिये प्रोत्साहित करने के लिये सरकार पिछले समय से टैक्स लागू करने के कानून को हटाने के पक्ष में है, लेकिन इसका ऐलान शायद 10 जुलाई को पेश हाने वाले बजट में नहीं किया जायेगा.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari