जहां एक ओर भारत-पाकिस्‍तान के बीच क्रिकेट सीरीज को लेकर सस्‍पेंस बना हुआ है। वहीं सोशल मीडिया व टीवी न्‍यूज चैनलों पर सीरिज होनी चाहिए या नहीं को लेकर गर्मागर्म बहस छिड़ गई है। अभी सीरिज को भारत सरकार की आधिकारिक मंजूरी मिलना बाकी है। बीसीसीआई के पदाधिकारियों के मुताबिक सीरिज 15 दिसम्‍बर से श्रीलंका में खेली जा सकती है।


पढ़िए आई नेक्स्ट के सीनियर न्यूज एडिटर उमंग मिश्र की एनालिसिस और जानिए उन 10 वजहों को जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि भारत-पाक क्रिकेट सीरिज नहीं होनी चाहिए।2. न्यूट्रल वेन्यू पर सीरीज का कोई मतलब नहीं है क्योंकि सवाल वेन्यू का नहीं पाकिस्तान के साथ खेलने का है। श्रीलंका में सीरीज खेलना का मतलब ही ये है कि दोनों देशों के बीच हालात इतने खराब हैं कि किसी एक की जमीं पर दोनों टीमें नहीं खेल सकती..अगर हालात इतने खराब हैं तो क्रिकेट खेलना का क्या औचित्य है।4. सीरीज के पक्ष में दिया जा रहा तर्क कि कलाकार की तरह क्रिकेट को राजनीति से अलग रखना चाहिए खोखला है। पाकिस्तान के साथ होने वाला मैच गुलाम अली का कन्सर्ट नहीं होता है।
6. पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज सिर्फ क्रिकेट का मसला नहीं है जिसे खेल भावना के तराजू में तौला जाए। हालत ये है कि खिलाड़ी भी पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के खिलाफ हैं। महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर खुलेआम पाकिस्तान के साथ सीरीज खेलने का विरोध कर चुके हैं। पूर्व टेस्ट क्रिकेटर अतुल वासन और कीर्ति आजाद भी पाकिस्तान के साथ सीरीज खेलने के प्रबल विरोधी हैं।


8. इस सीरीज से भारत का फायदा नहीं. फायदा सिर्फ पाकिस्तान और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का है। अगर पीसीबी आर्थिक रूप से खस्ताहाल है तो ये बीसीसीआई की जिम्मेदारी नहीं है कि वो उसको बेल आउट पैकेज दे। बीसीसीआई से जुड़े कारसाज किसी भी सरकार में अपने जुगाड़तंत्र से काम कराने का बेजा हुनर रखते हैं। ऐसे लोगों के व्यक्तिगत हितों के लिए देश की नीति को कुर्बान नहीं किया जाना चाहिए।10. मैच में दोनों देशों की भावनाएं जुड़ जाती हैं। इसलिए भारत पाकिस्तान के बीच क्रिकेट राजनीति से अलग हो ही नहीं सकता। दोनों देशों के बीच क्रिकेट डिप्लोमेसी का प्रयोग होता भी रहा है। क्रिकेट को राजनीति से अलग करने की बात ढकोसला है।inextlive from Spark-Bites Desk

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari