किस पेशेवर की ये इच्छा नहीं होती कि उसका वेतन बढ़ जाए ताकि हर महीने उसके खाते में ज़्यादा पैसे आएँ?


लेकिन दफ़्तर या कंपनी में अपना वेतन बढ़वाने का सबसे ग़लत और आपके करियर के लिए बुरा तरीका है ये कहना - ''देखिए मेरे फ़लां-फलां सहकर्मी का वेतन मुझसे कितना ज़्यादा है?"वेतन बढ़वाने की चाहत का अंदाज़ा कंपनियों के कर्मचारियों की भर्ती और कामकाज पर नज़र रखने वाली संस्था ग्लासडोर डॉट कॉम के सर्वे से लगता है।ग्लासडोर डॉट कॉम ने पाया कि अमरीकी वेतनभोगियों में 33 प्रतिशत अगले 12 महीने में वेतन नहीं बढ़ने की स्थिति में नई नौकरी तलाशने की बात करते हैं।ब्रिटेन में काम करने वाले 35 फ़ीसदी कर्मचारी अगले 12 महीने में महज़ दो फ़ीसदी वेतन बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं।कर्मचारियों को नियुक्त करने वाली ऑस्ट्रेलियाई कंसल्टेंसी फर्म रॉबर्ट वाल्टर्स के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में 2015 में औसत वेतन 1.65 फ़ीसदी बढ़ने की संभावना है।
ऑस्ट्रेलिया में करियर कोच के तौर पर काम करने वाले केट साउथम कहते हैं, "वर्तमान में भी वेतन बढ़ा है, लेकिन मामूली ही।"क्या अहम, कितना अहमसवाल पूछने की तैयारी कई महीने पहले से करनी चाहिए।


कनाडा के करियर कोच और करियर जॉय डॉट कॉम के संस्थापक एलन कियर्न्स ने कहा, "वेतन बढ़ोतरी की बात की तैयारी छह महीने पहले शुरू होती है। उस समय से आप अपनी संस्था के लिए कुछ एक्स्ट्रा करने लग जाते हैं ताकि आपकी कंपनी को आपकी असल क़ाबिलियत का अंदाज़ा रहे।"3. समय ध्यान से तय करेंसमय का ख़्याल रखिए। अगर आपकी कंपनी मुश्किल में हो या फिर नए सिरे से व्यवस्थित हो रही हो तो यह ज्यादा पैसे मांगने का वक्त नहीं है।हो सकता है कि जब सीनियर लोग इसके बारे में सोचना शुरू कर दें, वह बात करने का बेहतर समय हो।अगर वार्षिक समीक्षा नहीं हो रही हो तो केवल आप ही अपने मामले के बारे में फ़ैसला कर सकते हैं।नार्थ के मुताबिक अगर आप अपने किसी टीम सदस्य की ग़ैर-हाज़िरी या फिर नौकरी छोड़़ने के बाद, ज्यादा जिम्मेदारी संभाल रहे हों या फिर ऐसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हों जिसकी कंपनी के लिए ख़ासी अहमियत है, तो इस मसले पर बात करने का ये सही समय होगा।4. सहकर्मी के वेतन को आधार न बनाएं

अब दफ़्तरों में वेतन काफी पारदर्शी तरीके से दिए जाते हैं। हो सकता है कि आपको मालूम हो कि आपके सहकर्मी को आपके जैसे ही काम के लिए ज़्यादा पैसे मिल रहे हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप इसको मसला बनाएं या फिर इस उदाहरण को लेकर वेतन बढ़ाने की बात उठाएं।कई बार समय मुश्किल होता है और कई लोगों का वेतन तो तीन साल तक नहीं बढ़ता, तो भी आपको सकारात्मक बातों ही पर फोकस करना चाहिए।7. बड़े उद्देश्य पर ध्यान देंआपकी कामकाजी जिंदगी के बेहतर होने का इस बात से कोई लेना देना नहीं है कि आपके बैंक खाते में कितने पैसे आते हैं।एलन कियर्न्स के मुताबिक अगर आपकी कंपनी पैसे नहीं बढ़ा सकती है तो आप ज्यादा छुट्टी मांग सकते हैं या फिर शिफ्ट की टाइमिंग को अपने मुताबिक करा सकते हैं।आप नई नई ट्रेनिंग लेकर अपनी क्षमता और कार्यकुशलता भी बढ़ा सकते हैं और कंपनी को नए कोर्स कराने के लिए कह सकते हैं।8. धमकी का कोई फ़ायदा नहींहो सकता है कि पैसे नहीं बढ़ने की सूरत में आपने नौकरी छोड़ देने का मन बना लिया हो।लेकिन इसकी घोषणा बॉस के सामने करने से कोई फायदा नहीं।समय से पहले ऐसी कोई घोषणा नहीं करनी चाहिए। केट साउथम कहती हैं, "कोई धमकी पसंद नहीं करता, आपका बॉस भी नहीं।"9. 'ना' सुनने के लिए तैयार रहें
कियर्न्स कहते हैं, "आप बेहतरीन काम करते रहें। अगर आपको उसका पुरस्कार नहीं मिलता है तो आप दूसरे विकल्प देख सकते हैं। जब आपके पास दूसरा विकल्प मौजूद होगा तो आपकी मोलभाव करने की क्षमता बढ़ेगी।"11. इसे स्मार्ट तरीके से करेंख़ुद के लिए मेंटॉर तलाशें। आपके लिए और आपके करियर के लिए सबसे उपयोगी वह आदमी होगा जिसका इंडस्ट्री में आप से ज्यादा अनुभव है।लिंडसे पोलाक कहते हैं, "लेकिन यह आपका बॉस नहीं होना चाहिए। आपकी संस्था का ही कोई दूसरा सीनियर हो सकता है। पीढ़ी का अंतर होना चाहिए। अनुभव के आधार पर वह आपको सही सलाह देगा।"

Posted By: Satyendra Kumar Singh