2002 Gujarat riots: पीएम मोदी को मिली क्लीन चिट के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की
साल 2002 में हुए गुजरात दंगे में उस वक्त राज्य के सीएम रहे नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी गई थी। जिसके खिलाफ जकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब सर्वोच्च अदालत ने क्लीन चिट के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है।
नई दिल्ली (एएनआई)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा पत्नी जकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दी। जकिया ने 2002 के गुजरात दंगों में मोदी और कई अन्य को मिली क्लीन चिट के खिलाफ सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया था। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह अपील को योग्यता से रहित मानती है।
अदालत ने कही ये बात
पीठ ने अपने फैसले में कहा, "मामले पर विचार करने के बाद, हम एसआईटी द्वारा प्रस्तुत 8 फरवरी, 2012 की अंतिम अंतिम रिपोर्ट को स्वीकार करने और अपीलकर्ता द्वारा दायर विरोध याचिका को खारिज करने के मजिस्ट्रेट के फैसले को बरकरार रखते हैं। हम सबमिशन को स्वीकार नहीं करते हैं। हम मानते हैं कि यह अपील योग्यता से रहित है और परिणामस्वरूप, खारिज किए जाने योग्य है।' शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया जिसमें उसने 9 दिसंबर, 2021 को आदेश सुरक्षित रखा था।
कौन हैं जकिया जाफरी
एहसान जाफरी 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में हुई हिंसा के दौरान मारे गए 69 लोगों में शामिल थे। जाकिया जाफरी ने राज्य में दंगों के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती दी थी। इससे पहले, जकिया ने 2014 में गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जब मजिस्ट्रेट अदालत ने एसआईटी रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।