राजनाथ मुलायम और सोनिया समेत देश के 298 माननीय सांसद निधि खर्च करने में सबसे पीछे रह गए. इन सांसदों ने सालाना सांसद निधि के रूप में मिलने वाली 5 करोड़ की रकम से एक पैसा नहीं खर्च किया. इन्‍होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में न तो कोई सड़के बनवाई न ही वहां का विकास किया.

सिर्फ 16 परसेंट राशि हुई खर्च
16वीं लोकसभा के गठन के बाद केंद्र सरकार ने सांसद निधि के रूप में 1,757 करोड़ रुपये जारी किए थे. जिसमें कि आंकड़ों पर नजर डालें, तो इसमें सिर्फ 281 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए. ऐसे में यह कुल रकम का 16 परसेंट ही है. यह आंकड़े मोदी के विकास मंत्र को काफी हद तक झूठा सबित कर रहे हैं. 15 मई 2015 की तक की रिपोर्ट के मुताबिक, खाते में अभी 1,487 करोड़ रुपये बेकार ही पड़े हैं, जोकि सांसदों को विकास के नाम पर आवंटित किए गए थे.

यूपी, ओडिशा और असम सबसे पीछे

उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और असम के सांसद पैसा खर्च करने के मामले में सबसे पीछे हैं. इन सांसदों ने राष्ट्रीय औसत से भी कम खर्च किया है. वहीं पूर्वोत्तर राज्यों और तमिलनाडु के सांसदों ने 35 परसेंट तक विकास के लिए पैसा खर्च किया. पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में सांसद निधि का सिर्फ 16 परसेंट ही खर्च किया. फिलहाल यह आंकड़े देश के विकास की पोल खोलने के लिए काफी हैं. वैसे लोकसभा में 281 सांसद (बीजेपी) और 44 सांसद कांग्रेस के हैं.
ये सभी दिग्गज हैं ढीले
सांसद निधि का पैसा नहीं खर्च करने वालों में कई दिग्गज नाम हैं. इनमें केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह (लखनऊ), रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार (बेंगलुरु साउथ), कानून मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा (बेंगलुरु नार्थ), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री कलराज मिश्र (देवरिया) और जल संसाधन मंत्री उमा भारती (झांसी), कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (रायबरेली), बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी (कानपुर), सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव (आजमगढ़) शामिल हैं.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari