- आरटीओ ने बीत दिनों किए 4000 हजार चालान, एक में भी जमा नहीं जुर्माना

- बेखबर बैठे वाहन मालिक, आरटीओ ने कोर्ट भेजे केस

GORAKHPUR: अगर आप बेपरवाह सिग्नल तोड़कर निकल जाने को अपनी बहादुरी समझते हैं तो सतर्क हो जाएं और डेली अपनी गाड़ी को वाहन एप पर चेक करें। क्योंकि हो सकता है कि आपकी गाड़ी ऑनलाइन चालान हो चुकी हो, जिसको भरने में अगर आपने लेट किया तो भारी जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है। शहर में ऐसी ही चार हजार गाडि़यों के ऑनलाइन चालान की क्वेरी करने आरटीओ में कोई नहीं आया। जिसके बाद सभी चालान को आरटीओ ने कोर्ट में भेज दिया है।

बेखबर वाहन मालिक, कोर्ट भेजेगा नोटिस

गौर करने वाली बात है कि हाल के दिनों में आरटीओ ने हजारों ऑनलाइन चालान किए होंगे। इसमें प्रॉब्लम ये आ रही है कि आरटीओ में जहां तमाम वाहन मालिकों के मोबाइल नंबर गलत दर्ज हैं। वहीं ज्यादातर लोग ऑनलाइन चालान के मैसेज को इग्नोर कर बेखबर बने हुए हैं। इसके कारण काफी इंतजार के बाद जुर्माना जमा करने जब कोई नहीं आया तो चार हजार वाहनों के चालान का केस कोर्ट में भेज दिया गया। गैरहाजिर रहने के कारण कोर्ट इन चार हजार वाहनों के मालिकों को पहले नोटिस भेजेगा। इसके बाद वे अपना पक्ष रखकर जुर्माना जमाकर इससे मुक्ति पा सकेंगे।

नहीं होगा वाहन का कोई काम

चालान की दशा में वाहन का ट्रांसफर से लगाए फिटनेस समेत अन्य काम आरटीओ में नहीं हो सकेंगे। आरटीओ अपनी वेबसाइट पर इन वाहनों को लॉक कर चुका है। इस वजह से ये सारे काम नहीं हो सकेंगे। इसके लिए भी वाहन मालिकों को परेशान होना पड़ेगा।

गलत मोबाइल नंबर भी वजह

ऑनलाइन चालान की डीटेल मालिक को मैसेज के रूप में पहुंचती है। लेकिन आरटीओ में अभी भी काफी लोगों के मोबाइल नंबर गलत फीड हैं जिसकी वजह से उन तक मैसेज नहीं पहुंच पाता है।

पब्लिक हो अवेयर

आरटीओ प्रवर्तन डीडी मिश्रा का कहना है कि टीम को ऑनलाइन चालान करने का टारगेट दिया गया है। हर सप्ताह आरटीओ टीम को सीट बेल्ट, हेलमेट समेत अन्य मद में चालान का करीब 150-200 का टारगेट दिया गया है।

बॉक्स

बिना रिफ्लेक्टर नहीं होगा फिटनेस

सड़क हादसों को रोकने के लिए आरटीओ ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में अब बिना रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप के आरटीओ में फिटनेस नहीं हो सकेगा। वहीं सड़क पर बिना रिफ्लेक्टर पकड़े जाने पर भारी जुर्माना भी देना पड़ेगा। इसके साथ ही चेकिंग में बैकलाइट, इंडिकेटर तथा पार्किग लाइट की जांच होगी जिससे कोहरे में होने वाली दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।

वर्जन

चार हजार चालान वाहनों के मालिकों ने कोई इंट्रेस्ट नहीं दिखाया है। इस वजह से अब सारे केसेज को कोर्ट में भेज दिया गया है। सभी लोग अपने वाहन को वाहन एप पर जरूर एक बार चेक करें।

- डीडी मिश्रा, आरटीओ प्रवर्तन

Posted By: Inextlive