8 मासूम कातिल : किसी ने पेरेंट का किया खून तो किसी ने किया क्लासमेट का मर्डर
ये है कातिल जापानी स्कूल गर्ल
ये वाक्या है 1 जून 2004 का। 11 साल की एक स्कूल की छात्रा ने 12 साल के अपने क्लासमेट सातोमी मितारिया का खून कर दिया। ये घटना है जापान के एक एलिमेंट्री स्कूल की। छात्रा ने इस घटना को लंच टाइम में खाली क्लासरूम में अंजाम दिया। लड़की ने मितारिया के गले और बाह को घरेलू धारदार चाकू से काट दिया। खून करने के बाद छात्रा ने मितारिया की बॉडी को क्लासरूम में ही छोड़ दिया और खून से सने कपड़ों में ही अपनी क्लास में पहुंच गई। टीचर जब क्लास में पहुंची तो उन्होंने मितारिया की बॉडी को जमीन पर पड़ा पाया। उन्होंने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने उस लड़की को कस्टडी में ले लिया। कस्टडी में उस छात्रा ने बताया कि मितारिया हमेशा उसके वजन को लेकर उसपर 'गुडी-गुडी' करके कमेंट करता रहता था। ये उसको पसंद नहीं आता था, इसीलिए उसने ऐसा किया। 15 सितंबर 2004 को जापानी फैमिली कोर्ट में उसका मामला पहुंचा। यहां से चार साल के लिए उसे सरकारी किशोर सुधारक ग्रह में भेज दिया गया।
22 अप्रैल 2006 को, जब जासमिन रिचर्ड सिर्फ 12 साल की थीं, उसने और उसके ब्वायफ्रेंड ने मिलकर लड़की के माता-पिता और उसके छोटे भाई को मौत के घाट उतार दिया। इस घटना को उन्होंने अपने घर पर ही अंजाम दिया। कारण सिर्फ ये था कि रिचर्ड के पेरेंट्स 23 साल के उसके ब्वॉयफ्रेंड जेर्मी से उसके संबंधों को इजाजत नहीं दे रहे थे। माता-पिता को मारने के बाद उन दोनों ने लड़की के छोटे मासूम भाई की भी गर्दन काट दी। 9 जुलाई 2007 को रिचर्ड को फर्स्ट डिग्री कत्ल के आरोप में दोषी पाया गया। दोनों को सजा दी गई। लड़की को सजा के साथ-साथ मनोवैज्ञानिकों के संरक्षण में भी रखा गया।
क्रिश्चियन की उम्र उस समय सिर्फ 12 साल थी। उस समय उसने अपने सौतेले दुधमुंहे भाई को मौत के घाट उतार दिया। क्रिश्चियन की मां ने जब क्रिश्चियन को जन्म दिया था, तब उनकी उम्र भी 12 साल थी। क्रिश्चियन ने अपने सौतेले पिता की आत्महत्या भी इस कम उम्र में ही देख ली थी। क्रिश्चियन का आरोप था कि उसके पिता उससे पहले उसका यौन शोष्ाण करते थे। 2011 में 13 साल के इस क्रिश्चियन को अपने भाई के फर्स्ट डिग्री मर्डर के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया। इस पर भी अपने 5 साल के भाई का यौन शोषण करने का आरोप लगा।
26 नवंबर 2001 को पैंसाकोला के एक छोटे से समुदाय में कैंटोनमेंट की शांत गलियों में फायरफाइटर्स की रेस थी। रेस के दौरान कुछ लोगों ने पाया कि एक आदमी काउच के ऊपर बैठा हुआ है। उसकी मौत हो चुकी है। फायरफाइटर्स ने सोचा कि वह शायद जलकर मरा है, लेकिन जांच के बाद मालूम पड़ा कि उसकी मौत बाल अघात मृत्यु से हुई है। इसकी खोपड़ी टूटी हुई थी और उसका आधा चेहरा बुरी तरह का दिख रहा था। बाद में मालूम पड़ा कि 40 वर्षीय टैरी किंग को उन्हीं के 12 साल के बेटे एलेक्स और 13 साल के बेटे डेरेक ने मारा। दोनों ने इस घटना को उनके सोने के दौरान अंजाम दिया। दोनों ने उनके सिर पर प्रहार किया और चेहरे पर एल्युमीनियम बेसबॉल बैट से कुचला। बाद में मौत को दुर्घटना का रूप देने के लिए घर को जला दिया। दोनों ने बाद में पुलिस को बताया कि उनके पिता काफी सख्त थे। वो उन दोनों को मारते नहीं थे, बल्कि कमरे में बंद करके सिर्फ घूरते रहते थे। ये अब उनसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था।