यह बात सुनने में जितनी अजीब लगती है देखने में उससे भी ज्यादा अजीब और चौंकाने वाली है। दरअसल इस समय इंटरनेट पर एक ऐसी तस्वीर ने लोगों को चौंकाया हुआ है जो लगभग 80 साल पहले बनी थी लेकिन इस तस्वीर में नेटिव अमेरिकन नागरिक अपने हाथ में स्मार्टफोन पकड़े हुए हैं।

कांस्पीरेसी थ्योरी और टाइम ट्रेवल में यकीन रखने वालों के लिए 1937 में बनी यह तस्वीर वाकई अबूझ पहेली है। अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में बने नेशनल पोस्टल म्यूजियम में रखी लगी यह तस्वीर सन 1937 में इटली के पेंटर उम्बेर्तो रोमानो ने बनाई थी। इस तस्वीर में नेटिव अमेरिकन यानि अमेरिका के रहने वाले मूलभूत निवासियों की लाइफ का दिखाया गया है। वो सभी आदिवासियों जैसे कपड़े पहने हुए हैं लेकिन उनमें से एक व्यक्ति अपने हाथ में स्मार्टफोन जैसी चीज पकड़े हुए उसमें कुछ देख रहा है। 

 

Mr Pynchon and the Settling of Springfield' by Umberto Romano की नाम की इस तस्वीर ने दुनिया भर के पुरातत्वविद और इतिहासकारों को उलझन में डाल दिया है। यह सब यह सोच सोच कर हैरान है कि आखिर 80 साल पहले इस चित्रकार ने ऐसा क्या देखा या उसके मन में ऐसा क्या विचार था कि उसने स्मार्टफोन जैसी चीज चीज अमेरिकन लोगों के हाथों में दिखाई। Image source

 

फेमस ऑनलाइन मैगजीन Vice के एक लेखक ब्रायन एंडरसन ने इस प्राचीन तस्वीर में कई बातें नोटिस कीं। वरसों पुरानी इस तस्वीर में दिख रहा है कि कई ब्रिटिशर्स और नेटिव अमेरिकन कुछ लोगों को बांधकर या गुलाम बनाकर कहीं ले जा रहे हैं। एक आदमी रस्सी से बना हुआ है लेकिन वह आसपास बैठे लोगों के काम में तांक झांक कर रहा है। जो व्यक्ति अपने हाथ में स्मार्टफोन जैसी चीज लिए है, बंधा हुआ आदमी उसके फोन में भी कुछ देखने की कोशिश कर रहा है।


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यूं तो पूरी दुनिया जानती है कि 1930 के दशक में स्मार्टफोन क्या कंप्यूटर का भी अविष्कार नहीं हुआ था। मोबाइल के इतिहास में जाएं तो यह बात ज्यादातर लोगों को पता होगी कि 1970 के दशक में पहली बार दुनिया ने सेलफोन देखा और पिछले एक डेढ़ दशक में स्मार्टफोन दुनिया को मिले और अब दुनिया उन्हें जबरदस्त रूप से यूज कर रहे हैं।

 

यह व्यक्ति जिस तरह से बिहेव कर रहा है वह बिल्कुल आजकल का आम नजारा है। जिसमें तमाम लोग हर वक्त अपने स्मार्टफोन मैं WhatsApp या Facebook चेक कर रहे होते हैं। या फिर उसमें अपनी सेल्फी ले रहे होते हैं, या फिर इंटरनेट पर कुछ सर्फ कर रहे होते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा इस तस्वीर में देखने को मिल रहा है।

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हालांकि कई इतिहासकारों का मानना है कि यह कोई स्मार्टफोन नहीं बल्कि शीशे का कोई टुकड़ा हो सकता है, वो व्यक्ति इसके आर पार देखने की कोशिश कर रहा है। हालांकि कोई भी इस तस्वीर की सही सच्चाई नहीं बयान कर पाया क्योंकि लोग यह सोचकर कंफ्यूज हैं कि आखिर चित्रकार ने किस थॉट प्रोसेस के अनुसार यह तस्वीर बनाई। खैर सच्चाई जो भी हो लेकिन टाइम ट्रैवल और कांस्पीरेसी थ्योरी में यकीन करना बालों को इस तस्वीर सोचने पर मजूबर कर दिया है कि क्या वाकई हम भविष्य में जा सकते हैं।

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Posted By: Chandramohan Mishra