भारत में ऐसोचम के द्वारा इंटरनेट के उपयोग को लेकर किए गए एक सर्वेक्षण में चौकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। जिसमें 95 प्रतशित बच्‍चे 13 से 17 वर्ष के बीच हैं। वहीं 13 वर्ष से कम आयु के बच्‍चे प्रतिदिन यूट्यूब का उपयोग कर रहे हैं। सोमवार को जारी किए गए इस सर्वेक्षण में चौकाने वाले नतीजों का खुलासा किया गया है। वहीं यूट्यूब ने अकांउट बनाने के लिए न्‍यूनतम आयु 18 वर्ष रखी है। एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा कि सर्वेक्षण से प्राप्‍त आंकड़े दुखद और चिंताजनक हैं


81 प्रतशित किशोर है सोशल साइट्स पर सक्रीय देश के अग्रणी वाणिज्यिक संगठन एसोचैम द्वारा हाल ही में इंटरनेट के उपयोग के सर्वेक्षण के अनुसार 81 फीसदी किशोर किसी न किसी सोशल नेटवर्किंग साइट् पर सक्रीय है। जिसमे से कम से कम 72 फीसदी किशोर दिन में एक से ज्यादा बार इसका उपयोग कर रहास है। सोशल नेटवर्किंग साइट् का उपयोग करने वाले 65 फीसदी बच्चे 13 वर्ष से कम हैं। जिसमें 76 प्रतशित बच्चों के अकांउट यूट्यूब पर हैं। जिनमें से 51 प्रतशित बच्चों के पास स्मार्टफोन हैं ।सर्वेक्षण में 4750 परिजन हुए शामिल


भारत के विभिन्न शहरों में से एसोचैम से संबधित सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा किए गए सर्वेक्षण में 6 से 13 आयु वर्ग के 4750 परिजनों को शामिल किया गया। जिसमें यह सामने आया कि बच्चे परिजनों की जनाकरी में यूट्यूब का उपयोग करते है और परिजन इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन परिजन की इजाजत से पांच वर्ष का बच्चा भी यूट्यूब का उपयोग कर सकता है। इन शहरों में है यूट्यूब का सर्वाधिक उपयोग

सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार यूट्यूब का इस्तेमाल करने के मामले में पहले स्थान पर लखनऊ और दिल्ली एनसीआर दूसरे पायदान पर है। जबकि मुबंई , चेन्नई, अहमदाबाद, कोलकाता, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद, कोयंबटूर, चंडीगढ़ और देहरादून आते हैं। एसोचैम स्वास्थ समिति के अध्यक्ष बी के राव ने कहा कि सोशल नेटवर्क का प्रयोग करने के बारे में बच्चे सही फैसला नहीं कर पाते हैं। जिसके चलते बच्चे साइबर उत्पीड़न का शिकार होजते हैं।

Posted By: Prabha Punj Mishra