बचपन में अगर आप ने दवात और कलम से लिखा है तो आपको पता होगा कि उस दौरान जल्दी बड़े होकर बॉल पेन से लिखने का बेसब्री से इंतजार होता था। कब हम बड़ें होंगे और कब कापी पर बॉल पेन से लिखने को मिलेगा। जब कभी आप बॉल पेन से कागज पर कुछ लिखते हैं तो सोचा है कैसे इस बॉल पेन का आविष्कार हुआ होगा अगर नहीं तो परेशान होने की जरूरत नही है। हम आपको बताएंगे बॉल पेन के आविष्कार का सच।
By: Prabha Punj Mishra
Updated Date: Fri, 29 Sep 2017 12:10 PM (IST)
1- इसका आविष्कार हंगरी के एक पत्रकार ने किया था। नाम था लैडिसलाव जोस बीरो। उनका जन्म 29 सितंबर 1899 को हंगरी के बुडापेस्ट में एक यहूदी परिवार में हुआ था। पेशे से वह एक पत्रकार, पेंटर और आविष्कारक थे। आज यानी 29 सितंबर को उनका 117वां जन्मदिन है।
3- बोरो ने बॉल प्वाइंट पेन बनाने में अपने भाई की मदद ली। शुरुआती असफल प्रयोगों और मशक्कत के बाद वह इसका आविष्कार करने में सफल रहे। उन्होंने अपनी खोज को 'बीरो' नाम दिया। 15 जुलाई 1938 को उन्होंने इसका पेटेंट करा लिया। 1940 में जर्मन नाजी सेनाओं के हंगरी पर आक्रमण होने और यहूदी परिवार से ताल्लुक रखने के कारण बीरो को अपना देश छोड़कर भागना पड़ा। उन्होंने लैटिन अमेरिकी अर्जेंटीना में शरण ली और वहीं पर इस पेन को कमर्शियल उत्पाद के तौर पर बनाना शुरु किया।
5- इसके निर्माता के लिए उस वक्त का यह सबसे बड़ा ऑर्डर था। फोर्स ने इसका ऑर्डर इसलिए दिया क्योंकि यह फाउंटेन पेन की तुलना में अधिक ऊंचाई पर बेहतर ढंग से काम करता था। युद्ध समाप्त होने के बाद इसका कमर्शियल उत्पादन शुरू हुआ और पूरी दुनिया में यह मशहूर हो गया। 1985 में लैडिसलाव जोस बीरो का अर्जेंटीना में निधन हो गया।
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