लॉ स्‍टूडेंट की पीट पीटकर हत्‍या के मामले में सुल्तानपुर में भाजपा नेता के ठिकाने से अभियुक्‍त के पकड़े जाने की चर्चा पुलिस ने बताया बस स्टैंड से हुई गिरफ्तारी। घटना को अंजाम देने के बाद अधिवक्ता साथी के साथ केस दर्ज कराने गया था कर्नलगंज थाने।

 

ALLAHABAD: वायरल वीडियो के अनुसार लॉ के स्टूडेंट दिलीप सरोज की कटरा में स्थित होटल के बाहर बेरहमी से पीटकर मार डालने का गुनाहगार रेलवे का टीटीई और पूर्व नेशनल वालीबाल प्लेयर विजय शंकर सिंह भी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। चर्चा रही कि सुल्तानपुर जिले के एक भाजपा नेता के ठिकाने से पुलिस ने गिरफ्तार किया है लेकिन ऑफिशियली पुलिस ने गिरफ्तारी बस स्टैंड सुल्तानपुर से दिखायी है। बुधवार को उसे मीडिया के सामने पेश करते हुए मर्डर की स्टोरी में ट्विस्ट भी डाल दिया गया। इसके अनुसार होटल का वेटर अब मुख्य मुल्जिम हो गया है।

 

पुलिस बोली बस से पहुंचा सुल्तानपुर

बता दें कि शनिवार की रात कटरा में स्थित कालिका होटल की सीढि़यों पर एक छात्र की बेरहमी से पिटायी का वीडियो रविवार को वायरल हुआ था। इस वीडियो को नोटिस लेने के बाद सीरियस हुई पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी। रविवार को दिन में ही इलाज के दौरान छात्र दिलीप सरोज की मौत हो गयी थी। वह इलाहाबाद डिग्री से लॉ की पढ़ाई कर रहा था। दलित छात्र की हत्या की सूचना पर सोमवार को बवंडर खड़ा हो गया। छात्रों ने जमकर उत्पात मचाया तो अफसरों के कान खड़े हो गये। आनन-फानन में मंगलवार को डिप्टी सीएम केशव मौर्या उसके प्रतापगढ़ जिले के हथिगवां में स्थित उसके घर पहुंच गये और सरकार की तरफ से 20 लाख का चेक सौंपा तो जिला प्रशासन इलाहाबाद की तरफ से भी चार साल की सहायता राशि का चेक उसके परिवार वालों को मुहैया करा दिया गया था। पुलिस ने सोमवार को ही होटल के वेटर का चालान कर दिया। इसके बाद बेली निवासी ज्ञान प्रकाश अवस्थी और ड्राइवर रामदीन मौर्या को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद भी छात्र इलाहाबाद में आंदोलनरत हैं।

 

खुद गिरफ्तार होने चला आया

बुधवार की सुबह पकड़ा गया विजय शंकर सिंह के पास खुद डिजायर कार है। उसका लखनऊ निवासी दोस्त विक्रम है जो फॉच्र्यूनर से चलता है। विजय को सुल्तानपुर के भाजपा नेता का बेहद करीबी बताया गया है। उसके फेसबुक पेज पर जो अपडेट है और फोटोग्राफ है वह उसके शाहखर्ची की गवाही देते हैं। इसके बाद भी पुलिस ने बुधवार की दोपहर प्रेस कांफ्रेंस में जो स्टोरी बतायी उसके मुताबिक पुलिस को सूचना मिली कि वह बस से अकेले लखनऊ से सुल्तानपुर पहुंच रहा है। इस पर पुलिस ने बस स्टेशन पर घेराबंदी कर दी और धर दबोचा। यह गिरफ्तारी प्री प्लांड या फिर जीडी को दुरुस्त करने के लिए उठाये गए कदम की ओर इशारा करता है। इस पर ज्यादा चर्चा से अफसर कतराते रहे।

 

एसएसपी ने बतायी मर्डर की स्टोरी

पुलिस लाइंस में पीसी के दौरान एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि घटना के दिन कालिका रेस्टोरेंट में दिलीप सरोज खाना खाने पहुंचा था। आर्डर पर डिलीवरी में देर थी तो दिलीप रेस्टोरेंट से बाहर निकल आया और सीढि़यों पर बैठकर फोन पर बात करने लगा। तभी विजय शंकर अपने साथियों के साथ होटल पहुंचा। उस वक्त वह नशे में था। सीढि़यां चढ़ते वक्त उसका पैर दिलीप से टकरा गया। इस पर दोनो के बीच मामूली कहासुनी हुई। इसके बाद विजय अंदर चला गया। एसएसपी के अनुसार इसके बाद दिलीप ने फोन करके अपने कुछ साथियों को बुला लिया। इन लोगों ने होटल के अंदर जाकर बैठ चुके विजय और उसके दोस्त पर हमला कर दिया। कुर्सियां चलने लगीं तो रेस्टोरेंट में अफरा तफरी मच गई। इस पर होटल के वेटर ने लोहे की राड से दिलीप के सर पर वार किया। इससे दिलीप वहीं बेसुध होकर गिर पड़ा। नशे की हालत में विजय और उसके दोस्त ज्ञान अवस्थी, बुरी तरह से जख्मी दिलीप को होटल से बाहर खींच ले गये और बेरहमी से ईट व राड से पीटा। इसके बाद वे वहां से भाग निकले। एसएसपी के अनुसार विजय शंकर ने अपने एक अधिवक्ता दोस्त को इसकी सूचना दी और उसे लेकर रिपोर्ट दर्ज कराने थाने भी पहुंचा था। उधर, सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने दिलीप को गंभीर हालत में सिविल लाइंस के एक प्राइवेट हास्पिटल में भर्ती कराया। जहां रविवार को उसकी मौत हो गई। मौत के बाद घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ तो पुलिस हरकत में आयी।

 

एसएसपी ने माना हुई चूक

बुधवार को मीडिया के सामने एसएसपी आकाश कुलहरि ने स्वीकार किया कि निचले स्तर पर पुलिस से चूक हुई है। इसकी वजह से घटना ने बड़ा रूप ले लिया। एसएसपी ने बताया कि घटना की जांच एसपी सिटी को सौंप दी गयी है जो पुलिस की लापरवाही की भी जांच करेंगे। बता दें कि इससे पूर्व पुलिस होटल वेटर मुन्ना चौहान, गाड़ी चालक रामदीप मौर्या व ज्ञान प्रकाश अवस्थी को जेल भेज चुकी है। एसएसपी ने बताया की विजय घटना के बाद शहर छोड़ कर सुल्तानपुर चला गया था। वहां से वह फैजाबाद और फिर लखनऊ के रास्ते दिल्ली चला गया। पुलिस लगातार उसकी लोकेशन ट्रेस कर रही थी। इसी से आज उसके सुल्तानपुर पहुंचने की सूचना मिली थी

 

वाराणसी में थी पोस्टिंग

पुलिस को घटना के बाद तफ्तीश में पता चला कि विजय शंकर सिंह की रेलवे में तैनाती वाराणसी के रामपुर में है। काफी दिनों से वह नौकरी भी सही से नहीं कर रहा था। पुलिस की तरफ से रेलवे को इस घटना के बारे में पत्र के माध्यम से जानकारी दे दी गई है। विजय शंकर के जेल जाने के बाद रेलवे उस पर विभागीय कार्रवाई करेगा।

घटना में शामिल तीन आरोपी गिरफ्तार करके जेल भेजे जा चुके हैं। पूरे घटनाक्रम का खुलासा हो चुका है। आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए पुलिस पूरा प्रयास करेगी।

-आकाश कुलहरि, एसएसपी

Posted By: Inextlive