Meerut : कैंट बोर्ड की जनरल बोर्ड मीटिंग में शनिवार को कई महत्वपूर्ण मुद्दों के बीच एक ऐसा फैसला हुआ जो आगे जाकर जिले ही नहीं देश के अन्य कैंटों के लिए एक नजीर साबित हो सकता है. जी हां जिले में बढ़ती महिलाओं पर तेजाब की घटनाओं को देखते हुए कैंट बोर्ड ने कैंट के इलाकों में तेजाब की बिक्री पर बैन लगा दिया है. कैंटोन्मेंट बोर्ड के निर्णय के बाद जिला प्रशासन पर भी जिले से तेजाब की बिक्री बैन करने का दबाव काफी बढ़ जाएगा. आपको बता दें कि तेजाब की खुली बिक्री के बैन को लेकर आई नेक्स्ट ने ही मुहिम चलाई हुई है.


कर दिया बैन वार्ड : 3 की मेंबर बीना वाधवा ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों के बीच तेजाब की खुली बिक्री का मामला उठाया तो पहले तो एक बार सदन में बैठे सभी चौंक गए। बीवा वाधवा ने कहा कि लगातार महिलाओं के साथ तेजाब फेंककर उनकी जिंदगी बर्बाद करने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में कैंट बोर्ड की जिम्मेदारी है कि तेजाब की खुली बिक्री पर कार्रवाई करें। बातों को सुनने के बाद एमएच कमांडेंट ब्रिगेडियर संजीव चोपड़ा ने भी इस बात का समर्थन किया और कहा कि इस सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस भी आई हुई हैं। इतना सुनते ही कैंट बोर्ड के सीईओ डॉ। डीएन यादव और पीसीबी मेजर जनरल वीके यादव ने  तेजाब की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया। जिसका सदन में बैठे सभी लोगों ने समर्थन किया।सभी कैंटों के लिए नजीर


शनिवार को कैंट बोर्ड की मीटिंग में हुआ फैसला देश के सभी बाकी 62 कैंट के लिए एक नजीर का काम कर सकता है। कैंट के जानकारों की माने तो इस तरह के फैसले कैंट बोर्ड की मीटिंग में काफी कम होते हैं। ये एक ऐसी समस्या है जो सिर्फ महिलाओं के साथ नहीं बल्कि पुरुषों के साथ भी है। कई अन्य देशों में भी इसे पुरुषों के ऊपर भी डाला जा चुका है। कैंट के इतिहास में ये एक ऐतिहासिक फैसले में से एक है। काश एडीएम सिटी मौजूद रहते कैंट बोर्ड के इस फैसले के होने से पहले एडीएम सिटी रवाना हो चुके थे। ताकि उन्हें भी इस फैसले के बारे में पता चल जाता और वो इस व्यवस्था को सिटी में भी लागू कराने में हेल्प करते। खैर, कैंट बोर्ड के इस फैसले के बाद जिलाधिकारी और बाकी प्रशासनिक अधिकारियों पर भी तेजाब की बेलगाम बिक्री पर रोक लगाने का दबाव बड़ जाएगा। आ चुकी है कई घटनाएं सामने पिछले डेढ़ महीने के अंदर तेजाब डालने, तेजाब डालने का प्रयास, तेजाब डालने की धमकी जैसे करीब एक दर्जन मामले सामने आ चुके हैं। आई नेक्स्ट कई बार खबरों के माध्यम से इसके खिलाफ आवाज उठा चुका है। लेकिन जिला प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंगी हैं। ताज्जुब की बात तो ये है कि जिला प्रशासन को इस बारे तक में जानकारी नहीं है कि उन्होंने कितने लोगों को तेजाब बेचने का लाइसेंस किया है।

'खुलेआम तेजाब की बिक्री कतई नहीं हो सकती है। मेंबर का ये मुद्दा जनहित और सुरक्षा का उठाया है। तेजाब कैंट के किसी इलाके में नहीं बिकेगा। बोर्ड इस बात का फैसला कर चुका है.'- मेजर जनरल वीके यादव, पीसीबी, कैंट बोर्ड 'तेजाब पर तो सुप्रीम कोर्ट की रुलिंग्स भी आई हुई है। एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। जो भी फैसला हुआ है वो जनहित में और लोगों को इस बारे में जागरुक भी रहना चाहिए.'- ब्रिगेडियर संजीव चोपड़ा, एमएच कमांडेंट 'बोर्ड का ये फैसला एक नजीर तौर पर सभी कैंट का हो सकता है। शायद ही किसी कैंट की बोर्ड ने तेजाब पर इस तरह का निर्णय लिया हो। अब इस पूरी तरह से नजर रखी जाएगी.'-डॉ। डीएन यादव, सीईओ, कैंट बोर्ड 'मैं इस तरह की रोजाना पढ़ रही हूं। ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी महिला या लड़की पर तेजाब डाल दिया जाता और कोई भी इस पर कुछ भी नहीं कर रहा है। तेजाब से उस महिला की आत्मा तक जख्मी हो जाती है। बोर्ड ने मेरे इस इस प्रस्ताव पर हरी झंडी दिखाकर कैंट ही नहीं सिटी की महिलाओं को सुरक्षित करने में एक कदम आगे बढ़ाया है। मैं नागरिक प्रशासन से भी अपील करूंगी कि वो ये व्यवस्था पूरे जिले में लागू करे.'- बीना वाधवा, बोर्ड मेंबर, वार्ड : 3 हॉस्पिटल में इमरजेंसी सेवा होगी शुरू

कैंट बोर्ड की मीटिंग में जानकार दी गई कि जल्द ही कैंटोन्मेंट जनरल हॉस्पिटल में इमरजेंसी सेवा शुरू की जा सकती है। इसके लिए जीडीएमओ की भी तैनाती की जाएगी। कैंट बोर्ड के सीईओ ने बताया कि हॉस्पिटल को नए सिरे से शुरू करने को स्टॉफ की नियुक्ति हो रही है। जितना रखा जाएगा उसमें हाफ स्टाफ फस्र्ट फेज में रिक्रूट किया जाएगा। रक्षा राज्यमंत्री करेंगे उद्घाटन वहीं कैंटोन्मेंट जनरल हॉस्पिटल में यूनानी यूनिट का उद्घाटन करने के लिए रक्षा राज्यमंत्री भी आ सकते हैं। कैंट बोर्ड के सीईओ का कहना है कि इसका उद्घाटन 23 या 25 फरवरी को किया जा सकता है। 167 पर देनी होगी जानकारी कैंट बोर्ड के सीईओ ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट में जो बंगला नंबर 167 का मामला चल रहा है उस पर हाईकोर्ट ने 1925 से आज तक तमाम निर्णय एवं निर्णय मांगे। कोर्ट ने इस मामले में कई सवाल भी उठाए हैं कि बोर्ड में प्लान ही क्यों रखा गया था? बोर्ड ने इस पर विचार ही क्यों किया? तीन महीने में पूरी होगी इंक्वायरी
कैंट बोर्ड में सीईई पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए लखनऊ कैंट की सीईओ को जांच अधिकारी देने बनाने की जानकारी देने के साथ- साथ इस बारे में भी बताया कि एई की जांच भी उन्हीं के द्वारा की जाएगी।सीईई को बचाने की मुहिम हुई फेल जी हां, कैंट बोड में कुछ दिनों से काफी चर्चा थी कि मेंबर्स सीईई को बचाने के लिए एक नया मोशन लेकर आ सकते हैं। इससे उलट सिर्फ एक मेंबर ने सीईई के फेवर की बात की। वार्ड-5 के दिनेश गोयल ने कहा कि सिर्फ एक पर ही गाज गिराना ठीक नहीं है। जेई और ड्राफ्टमेन को भी उतनी ही सजा मिलनी चाहिए। इतने में कैंट बोर्ड के सीईओ ने कहा कि मैं इस मामले से जुड़े तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्य से विरत कर देता हूं। उन्होंने कहा कि बंगला नंबर 210 बी के केस पर 7 सीईओ पर चार्जशीट होने जा रही है। जिसकी जितनी जिम्मेदारी है उसी हिसाब से उस चार्जशीट में आरोप लगाए गए हैं। अन्य प्रस्ताव भी हुए पास - कैंट के सभी वार्ड में पांच-पांच डस्टबिन और लगाए जाएंगे। - टोल टेंडर दोबारा से होगा।- फाइनेंस कमेटी का गठन कर जगमोहन शाकाल, प्रेम ढींगरा, शशि साहू, बीना वाधवा को शामिल किया गया है। - जनरल कमेटी का गठन कर उसमें ममता गुप्ता, जगमोहन शाकाल, दिनेश गोयल, अजमल कमाल को शामिल किया गया है।- वार्ड 2, 3, 4 में गंदे पानी की समस्या को लेकर वार्ड मेंबर्स ने आवाज उठाई।

Posted By: Inextlive