- ऑटो रिक्शा वालों पर चला डंडा तो आरटीओ के खिलाफ ही किया प्रदर्शन

- उठाई निर्धारित संख्या से ज्यादा पैसेंजर बढ़ाने की मांग

GORAKHPUR : ओवरलोडेड स्कूली ऑटो पर जब आरटीओ का डंडा चला तो ड्राइवर्स ने आरटीओ के ही खिलाफ मोर्चा खोल दिया। एकतरफा कार्रवाई की बात कहकर ड्राइवर्स ने थर्सडे को कमिश्नर ऑफिस पर धरना-प्रदर्शन किया। आई नेक्स्ट की ओर से चलाए गए रिस्की रिक्शा कैंपेन के बाद ओवरलोडेड ऑटो चलाने वाले ड्राइवर्स पर कार्रवाई की गई। जिसके बाद चालकों ने एकजुट होकर आरटीओ की कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। उनका तर्क है कि मानक से ज्यादा सवारी बिठाए बिना मेंटेनेंस और अन्य चीजों को मिलाकर उनका खर्च निकलना मुश्किल हैं। जिसे आरटीओ ने सिरे से नकार दिया और कहा कि ओवरलोडेड ऑटो पर पूर्व की तरह कार्रवाई जारी रहेगी।

ड्राइवर्स ने रखी डिमांड

आरटीओ के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले ड्राइवर्स पप्पू पांडेय, दीपक राय, राम सिंह, जटाशंकर तिवारी की मानें तो स्कूली बच्चों को कैरी करने की परमिशन न मिलना सरासर अन्याय है। आई नेक्स्ट के सवाल पर कि वह 10-10 बच्चों को ठूंसकर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ क्यों करते हैं, पर उनका कहना था कि अगर वे ऐसा न करें तो भूखों मर जाएंगे। ऑटो का टैक्स, डीजल और गाड़ी के मेंटेनेंस के लिए इतने बच्चों को ले जाना मजबूरी है। कम से कम से 6-7 बच्चों को ले जाने की परमिशन आरटीओ की तरफ से जारी की जाए, तभी जाकर उनके खर्चे निकल पाएंगे।

मानक से ज्यादा तो होगी कार्रवाई

ड्राइवर्स की मांग पर एआरटीओ एनफोर्समेंट राकेश कुमार ने भी स्पष्ट किया है कि मानक के अनुसार ही ऑटो ड्राइवर्स सवारी भरें। तीन सवारी और ड्राइवर समेत कुल चार की ही परमिशन है। अभी तक ओवरलोडेड ऑटो पर ही कार्रवाई की गई है। मानक के मुताबिक अगर वो स्कूली बच्चों को ले जाते हैं तो कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन मानक से ज्यादा सवारी बिठाने पर कार्रवाई तय है।

ये डॉक्युमेंट्स कैरी करना मस्ट

- सिटी परमिट

- फिटनेस सर्टिफिकेट

- इंश्योरेंस

- टैक्स रसीद

- ड्राइविंग लाइसेंस

क्या कहते हैं साइकोलॉजिस्ट

साइकोलॉजिस्ट डॉ। धनंजय कुमार बताते हैं कि सभी पैरेंट्स को ये कोशिश करनी चाहिए कि बच्चे को स्कूल छोड़ने वे खुद जाएं। इससे जहां वो ओवरलोडेड ऑटो में बैठकर अपनी जान खतरे में डालने से बच जाएगा। साथ हन्ी पैरेंट्स से दूर होने का एहसास भी नहीं सताएगा। प्रॉपर मॉनिटरिंग होने से वह अनुशासित भी रहेगा।

बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है। जितनी सवारी बैठाने का परमिट जारी किया गया है, उतनी ही सवारी ऑटो में बैठेंगी। चाहे वह स्कूली बच्चा हो या फिर कोई और। ओवरलोडेड ऑटो पाए जाने पर कार्रवाई जरूर होगी।

डॉ। अनिल कुमार गुप्ता, आरटीओ एनफोर्समेंट

Posted By: Inextlive