Stress due to minor adjustment changes is natural but if it lasts for more than a month be alert it may be due to adjustment disorder.


एडजस्टमेंड डिसऑर्डर एक तरह की स्टे्रस रिलेटेड मेंटल इलनेस है. इसमें पेशेंट्स एंग्जायटी या डिप्रेशन में होते हैं और एक्स्ट्रीम केसेज में सुसाइड तक कर लेते हैं. हालांकि इसकी शुरुआत नई जॉब में प्रॉब्लम्स या किसी अपने की डेथ से होने वाली स्टे्रस से हो सकती है. प्रॉब्लम तब शुरू होती है जब हम ऐसी सिचुएशंस के साथ एडजस्ट नहीं कर पाते और हमारे अंदर एडजस्टमेंट डिसऑर्डर डेवलप होने लगता है.यह किसी भी एज गु्रप में हो सकता है. बच्चों और टीनएजर्स (गल्र्स और ब्वॉयज दोनों) में इसके बराबर के चांसेज होते हैं. हालांकि एडल्ट की बात करें तो मेन के कम्पैरिजन में यह वुमन में दोगुना पाया जाता है. Symptoms of adjustment disorder
पेशेंट में इसके सिम्पटम्स स्ट्रेसफुल इवेंट के तीन महीने के भीतर दिखने शुरू होते हैं. हर पेशेंट में इसके सिम्पटम्स अलग-अलग होते हैं. पेशेंट का नर्वस फील करना, इंज्वॉयमेंट की कमी, एंग्जायटी और डिप्रेशन फील करना इसके सिम्पटम्स होते हैं. वह फैमिली और फ्रेंड सर्कल से दूर रहने लगता है और रूटीन वर्क भी पूरा नहीं कर पाता. अगर प्रॉब्लम बच्चों में है तो वे स्कूल जाना छोड़ देते हैं या उनकी परफॉर्मेंस खराब हो जाती है. Treatments of adjustment disorder 


एडजस्टमेंट डिसऑर्डर के पेशेंट का ट्रीटमेंट साइकोथेरेपी और मेडिकेशन के जरिए किया जाता है. साइकोथेरेपी को काउंसलिंग या टॉक थेरेपी भी कहा जाता है. इसमें पेशेंट से बातचीत करके उसे इमोशनल सपोर्ट दिया जाता है. जब पेशेंट में डिप्रेशन, एंग्जायटी और सुसाइडल थॉट्स वाले सिम्पटम्स दिखें तो मेडिकेशन इसमें सबसे कारगर होता है.When problem is with your child•उसे अपनी फीलिंग बताने के लिए इनकरेज करें.•उसे समझें और उसका सपोर्ट करें.•उसे अश्योर कराएं कि उसका रिएक्शन कॉमन है.•बच्चे के टीचर्स से कांटैक्ट बनाए रखें ताकि स्कूल में होने वाली प्रॉब्लम्स के बारे में आपको पता हो.•उसे खाने-पीने, फिल्म देखने जैसे छोटे-छोटे डिसीजन खुद लेने दें.Doctor saysआरती लाल चंदानी, फिजीशियन बताती है कि, " यंगस्टर्स में ये कॉमन है. इसके लिए उनको अपने गोल को फिक्स करना होगा. टाइम शेड्यूल फिक्स करने की जरूरत है. टाइम से ब्रेकफास्ट व रेस्ट इंपॉर्टेंट रोल प्ले करता है. कम्यूनिकेशन अच्छा होने से ये प्रॉब्लम सॉल्व हो सकती है."

Posted By: Surabhi Yadav