भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को बेहतर और सुरक्षित यात्रा कराने की पूरी कोश‍िश करता है। इसके ल‍िए रेल विभाग एक से बढ़कर एक सर्विस भी देता है। इतना ही नहीं रेल सफर के दौरान यात्रियों के कुछ अध‍िकार भी दि‍ए गए हैं। ज‍िनमें कंफर्म तत्‍काल टिकट कैंसल करके रिफंड का भी अध‍िकार है। अब आप सोच रहे होंगे क‍ि आखि‍र कैसे तो यहां पर पढ़ें...


कंफर्म तत्काल टिकट पर रिफंड का अधिकारअधिकांश लोग ये सोचते हैं कि रेलवे में कंफर्म तत्काल टिकट कैंसिल होने पर फुल रिफंड नहीं मिलता है। जबकि कुछ मामले ऐसे हैं जिनमें फुल रिफंड आसानी से मिल जाता है। जैसे आईआरसीटीसी की वेबसाइट के मुताबिक ट्रेन तीन घंटे से ज्यादा लेट होने पर अगर उसमें यात्रा नहीं करते हैं तो यात्री रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं। वहीं अगर बाढ या किसी आंदोलन की वजह से या फिर किन्हीं अन्य कारणों से ट्रेन कैंसिल होती है। इसके अलावा उसका रूट डायवर्ट होने पर अगर यात्री का रूट नहीं है तो भी वे रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं। वहीं अगर यात्री का टिकट एसी का था और उसे स्लीपर में यात्रा करना पड़ी तो भी वह रिफंट क्लेम कर सकता है। कंफर्म टिकट का ट्रांसफर का अधिकार


अगर किसी यात्री ने अपना टिकट कंफर्म करा लिया और किन्हीं कारणों से वह यात्रा पर नहीं जा रहा है। ऐसे में उसका टिकट उसके किसी परिवारिक सदस्य के नाम पर ट्रांसफर हो सकता है। हालांकि परिवार के सदस्यों में उसके माता, पिता, भाई, बहन और बीवी बच्चे ही जा सकते हैं। टिकट ट्रांसफर के लिए यात्रा से 24 घंटे पहले चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर के पास ट्रांसफर के लिए एक आइडी प्रूफ के साथ रिक्वेस्ट करनी होगी। कंफर्मेशन मिलने के बाद उस पर दूसरा कोई यात्रा कर सकेगा। यात्री को बोर्डिंग स्टेशन बलदने का है अधिकारआजकल बड़ी संख्या में यात्री ई-टिकट बुक कराते हैं। ऐसे में ई-टिकट बुकिंग में उन्हें बोर्डिंग स्टेशन बलदने का अधिकार है। हालांकि यह ट्रैवेलिंग से सिर्फ 24 पहले और एक बार ही बदला जा सकता है। इतना ही नहीं यह सर्विस तभी मिलेगी जब यात्री ने बोर्डिंग स्टेशन चेंज का ऑप्शन भरा हो। इसके अलावा अगर एक बार बोर्डिंग स्टेशन चेंज कर दिया तो फिर यात्री को दूसरे वाले सेलेक्ट बोर्डिंग स्टेशन से ही यात्रा करनी पड़ेगी। अगर वह ऐसा नहीं करता तो उससे पेनाल्टी वसूल जाएगी। फर्स्ट एड बॉक्स की सर्विस लेने का अधिकार

यात्री ट्रेन में स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाओं का लाभ उठाने के हकदार होते हैं। रेलवे इसके लिए ट्रेन में फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था भी रखता है। सबसे खास बात तो यह है कि इसके लिए यात्री को किसी तरह का कोई शुल्क भी नहीं देना पड़ता है। ऐसे में अगर कभी किसी यात्री को सफर के दौरान कोई तकलीफ होती है तो उसे परेशान होने की जरूरत नहीं है। वह टीटीई या फिर रेलवे के किसी अन्य कर्मचारी से फर्स्ट एड बॉक्स मांग सकते हैं।रेल यात्रियों के लिए आया 'सारथी' एप, टिकट से लेकर होटल बुकिंग सबकुछ इसी में

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Posted By: Shweta Mishra