-प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व नगर निगम की संयुक्त टीम ने तैयार किया नया प्लान

-बनारस को मॉडल बनाने के लिए होगी कवायद

विकास के रास्ते पर बढ़ रहे बनारस के सामने फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती पॉल्युशन की है. यहां की आबोहवा इतनी खराब हो गयी है कि लोग अब बीमार होने लगे हैं. ऐसे में बनारस में एयर पॉल्यूशन कंट्रोल लगाने के लिए तैयारी शुरू हो गई है. एनजीटी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 'एयर एक्शन' प्लान तैयार किया है. इसके तहत कूड़ा जलाने पर जुर्माना, भवन निर्माण पर ऊंची चहारदीवारी बनाने और निर्माण सामग्री पर पानी का छिड़काव करने लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे. एयर एक्शन प्लान प्रदेश के 15 शहरों में लागू किया जा रहा है. इसमें बनारस के अलावा प्रयागराज, कानपुर, लखनऊ, बरेली आदि प्रमुख शहर शामिल किए गए हैं. इन शहरों में ज्यादा पॉल्यूशन होने के कारण प्लान पर काम करने के लिए क्षेत्रीय प्रदूषण कार्यालय को पत्र जारी किया गया है.

चौराहों पर होंगे फौव्वारे

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एके आनंद ने बताया कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए चौराहों पर फौव्वारों के अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन पर बल दिया जाएगा. वाराणसी को पूरे देश में बतौर मॉडल विकसित करने के लिए कवायद की जा रही है. शहर में बढ़ रही गंदगी पर लगाम लगाने के लिए जुर्माने को लागू करने की प्रदूषण बोर्ड ने तैयारी की है. नगर निगम के सहयोग से इस प्लान को अमली जामा पहनाया जाएगा.

अभियान चलाकर रोकेंगे गंदगी

नगर आयुक्त आशुतोष कुमार द्विवेदी का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में नगर निगम ने पहल शुरू कर दी है. अभियान चलाकर गंदगी व अतिक्रमण करने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है. इसके अलावा प्रतिबंधित पॉलीथिन प्रयोग पर भी काफी हद तक अंकुश लगाया गया है. उन्होंने बताया कि पॉल्यूशन पर कंट्रोल करने के लिए कूड़ा जलाने पर सख्ती की जा रही है. पार्को, तालाबों, कुंडों के किनारे हरियाली को बढ़ावा दिया जा रहा है. निर्माण कार्य के दौरान ठेकेदारों को हिदायत दी गई है कि पानी के छिड़काव के अलावा तय नियमों का पालन करना जरूरी है. ऐसा नहीं करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ में बना था प्लान

बता दें कि पिछले दिनों लखनऊ में एनजीटी की बैठक में एक्शन प्लान को लागू करने पर जोर दिया गया था. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा एयर एक्शन प्लान की मानीटरिंग के लिए कमेटी का भी गठन किया गया है, जो इन संस्तुतियों के पालन पर नजर रखेगा. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हर सप्ताह निगरानी के साथ ही रिपोर्ट तैयार करेगा. इसमें विभागों को जिम्मेदारी सौंपने के साथ ही नागरिकों को भी जागरूक किया जाएगा.

Posted By: Vivek Srivastava