एक भी बस स्टॉपेज पर नहीं रुकतीं बसें ज्यादातर पर है कब्जारोड पर बस रोक कर सवारियों को बैठाने व उतारने से यात्री यहां नहीं करते इंतजार

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शहर के इस बस स्टॉपेज से बस छोड़कर सब कुछ यानी चाय, नाश्ता पानी सब कुछ मिलेगा। हम बात कर रहे हैं शहर में जगह-जगह बनाए गए बस स्टॉपेज की। जिस जगह का काम पूरा हो चुका है वहां भी बसें नहीं रुकती हैं। बीच रोड चालक जहां मन चाहते हैं सवारियों को बैठाने और उतारने का काम कर रहे हैं। अपनी सुविधा के अनुरूप सवारी भी रोड पर जहां बस दिखाई वहीं हाथ देकर रोक लेते हैं। ऐसी स्थिति में स्मार्ट सिटी के तहत बनाए गए सौ से अधिक बस स्टॉपेज को लेकर शासन की मंशा धूमिल हो रही है। सड़कों पर जाम लगता है वह अलग।

113 बस स्टैंड शहर के अंदर बनाए हैं
09 करोड़ रुपये निर्माण पर हुए हैं खर्च
2021 में स्मार्ट सिटी के तहत शुरू हुआ था काम

ध्यान नहीं दे रहे हैं जिम्मेदार
आज से तीन साल पूर्व इस शहर में दिल्ली व लखनऊ जैसे शहरों की तरह बस स्टैंड यानी स्टॉपेज के लिए स्थान चिन्हित किए गए। बताते हैं कि वर्ष 2021 में चिन्हित स्थानों पर टीन शेड व यात्रियों को बैठने के लिए स्टील की कुर्सियां एवं चबूतरा बनाने का काम शुरू हुआ। बनाए जाने वाले 113 बस स्टॉपेज के निर्माण पर लगभग 09 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया। इस पैसे से दर्जनों स्थानों पर यह बस स्टॉपेज बनकर तैयार हो चुका है। स्ट्रीट वेंडरों को लगा कि बस स्टॉपेज बन गया है तो सवारियां भी यहां आएंगी। लिहाजा वह अपनी दुकानें इसके आसपास खोल लिए। गौर करने वाली बात यह है कि आज तक यहां पर बसों के रुकने का सिलसिला शुरू नहीं हो सका। चालक अब भी जहां मन चाहते हैं वहीं सवारियों को बैठाने और उतरने लगते हैं। सवारियां भी मन चाही जगह हाथ देकर बसों को रोक कर उसमें सवार होते हैं। बस में सवार लोग आवाज देकर मनमुताबिक स्थानों या चौराहों पर बसों को रोक कर उतरते हैं। ऐसी स्थिति रोड के ऊपर जाम जैसी स्थिति बन जाती है। इस जाम से बाइक व कार सवार यात्रियों को परेशानी तो होती है, वक्त भी बर्बाद होता है।

शहर में जगह-जगह स्टैंड बनाए हैं। कई जगह काम पूरा हो चुका है। कुछ स्थानों पर काम अपूर्ण है। मगर जहां पर बन कर रेडी है, उन बस स्टैंडों पर तो बसें रुक ही सकती हैं। चालक जहां मन चाहते हैं बस रोक देते हैं। इससे जाम जैसी स्थिति उत्पन्न होती है।
अतुल श्रीवास्तव, चुंगी

शहर को स्मार्ट बनाने के नाम पर पानी की तरह पैसा बहाने से शुरू नहीं होगा। जब तक बनाई गई चीजों का सिस्टमेटिक ढंग से उपयोग शुरू नहीं होगा। अधिकारियों को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए। यदि बसें स्टैंड पर ही रुकें तो लोग भटकेंगे क्यों।
शिवम जायसवाल, दारागंज

स्मार्ट सिटी व नगर निगम के अधिकारियों को चाहिए कि वे परिवहन विभाग के अफसरों संग बैठक करें। प्रॉपर यह प्लान तैयार करें कि बसें बनाए गए स्टैंड पर ही रुकेंगी। साथ ही प्राइवेट बस वालों को भी ताकीद करने की जरूरत है।
श्रीनाथ पांडेय, झूंसी

जब तक प्रशासन इच्छा शक्ति के साथ किसी भी सिस्टम का पालन नहीं कराएगा शहर में ऐसी समस्याएं खत्म नहीं होंगी। चालकों व परिचालकों को इस बात की हिदायत दी जानी चाहिए कि वे बसों में स्टैंड से ही सवारियों को बैठाएं और उतारें। यात्री अपने आप बस का वहां इंतजार करेंगे।
डब्लू कुशवाहा, अल्लापुर

Posted By: Inextlive