- इलाहाबाद गेस्ट हाउस एसोसिएशन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने दी चेतावनी

- सिस्टम पर उठाए सवाल, कहा बारात घर बाहर करने के बाद क्या खत्म हो जाएगी जाम की समस्या

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ:

प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा बारात घरों, गेस्ट हाउसों व मैरेज लॉन को बंद कर सिटी से बाहर ले जाने की नोटिस भेजी जा रही है। पीडीए के इस नोटिस से नाराज इलाहाबाद गेस्ट हाउस एसोसिएशन के सदस्यों व पदाधिकारियोंने मंगलवार को मीटिंग की। इस दौरान बारात घर मालिकों ने सिटी में चल रहे बारात घरों को बंद कर अदर कॉमर्शियल या फिर पर्सनल यूज में लेने की चेतावनी दे डाली है। बारात घर मालिकों का कहना है कि अगर एडमिनिस्ट्रेशन अपनी जिद पर अड़ा रहा तो पूर्व में की गई बुकिंग को पूरा करने के बाद नई बुकिंग और बारात घरों के संचालन को बंद कर दिया जाएगा।

बारात घरों को बाहर करने के अलावा क्या नहीं है कोई विकल्प?

इलाहाबाद गेस्ट हाउस एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक दुग्गल ने कहा कि ये समस्याएं पूरी तरह से अगर सही भी हैं तो ज्यादातर गेस्ट हाउस और लॉन के पास पार्किंग की बेहतर व्यवस्था नहीं है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि ट्रैफिक जाम से निजात के लिए सिटी में चल रहे बारात घरों को ही बंद करा दिया जाए। शहर से बाहर बारात घरों को ले जाने का आदेश जारी कर दिया जाए।

तो फिर स्कूल-कॉलेज कोचिंग को भी बाहर कर देना चाहिए

संरक्षक आरसी गुप्ता ने कहा कि शादी-विवाह का मौसम चंद दिनों का होता है। पूरे साल तो शादी विवाह नहीं होता है, उसके बाद भी शहर में जाम क्यों लगता है? इस बारे में एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर क्यों नहीं सोचते हैं। शहर में पर-डे स्कूल कॉलेज, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल, कोचिंग और सरकारी कार्यालयों के बाहर भीषण जाम लगता है। सुबह से लेकर शाम तक ऑन रोड गाडि़यां पार्क की जाती हैं, तो ऐसी स्थिति में क्या, इन संस्थाओं को भी शहर से बाहर कर देना चाहिए।

बाहर जाने को कोई नहीं है तैयार

इलाहाबाद गेस्ट हाउस एसोसिएशन के उपाध्यक्ष गुफरान अहमद ने कहा कि पीडीए और एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा बारात घरों को सिटी की सीमा के बाहर 20 किलोमीटर दूर ले जाने का आदेश दिया जा रहा है। बारात घर संचालक शहर से बाहर जाने के लिए जरा भी इच्छुक नहीं हैं। मीटिंग में संरक्षक आरसी गुप्ता, अध्यक्ष अशोक दुग्गल, उपाध्यक्ष गुफरान अहमद, विद्या सागर केशरी, विपिन अग्रवाल, लव वर्मा, सचिन तिवारी, उपहार जायसवाल, अखिल गुप्ता, आकाश गुप्ता, विवेक अग्रवाल, साहिद कमाल, ऋषि अग्रवाल, पीएन ओझा आदि मौजूद रहे।

गेस्ट हाउस संचालकों ने रखी शर्ते

- इलाहाबाद गेस्ट हाउस एसोसिशन के सदस्यों का कहना है कि एडमिनिस्ट्रेशन के आदेश पर बारात घरों को सिटी से बाहर ले जाने का कोई सवाल ही नहीं है।

- पीडीए यदि बारात घर को शहर से बाहर कराना चाहती है तो बारात घर मालिकों को पट्टे पर जमीन अवेलेबल कराए।

- अगर पीडीए द्वारा बारात घरों को बाहर ले जाने के लिए बाध्य किया गया तो बारात घर संचालक बारात घरों को बंद कर कोई और बिजनेस करने को बाध्य होंगे।

बारात घर मालिकों ने उठाए ये सवाल

- आज घने शहर में लोग सुरक्षित नहीं हैं। दिनदहाड़े व सरेशाम लूट व हत्या हो जा रही है। नगर निगम सीमा से बाहर रात में आने-जाने वाले लोगों के साथ कोई घटना-दुर्घटना होगी तो फिर जिम्मेदार कौन होगा?

- कोई भी गेस्ट हाउस संचालक साल के 25 दिन लग्न-मुहुर्त के लिए बड़ा निवेश नहीं करना चाहता, बाहर जाकर कौन विवाह करना चाहेगा, ये बड़ा सवाल है।

- सरकार को व पीडीए अधिकारियों को बारात घरों को सिटी से बाहर करने से पहले एक बार शहरवासियों से भी राय-सलाह कर लेना चाहिए।

- भूमि परिवर्तन भी संचालकों के लिए जटिल समस्या बनेगी। बिना भूमि परिवर्तन कराए प्राधिकरण से संचालन के लिए स्वीकृति प्राप्त करना असंभव है।

- कुछ विशेष तिथियों पर सिटी में हजारों शादियां होती हैं, उनका संचालन शहर के बाहर कैसे संभव है?

- पिछले छह महीने में लग्न मुहुर्त न होने से कोई भी बारात का आयोजन नहीं हुआ, क्या इस दौरान शहर में कहीं भी जाम की समस्या नहीं हुई?

- कुंभ मेला के दौरान सिटी की सड़कें चौड़ी होने के बाद भी यहां ट्रैफिक जाम की समस्या आम है, लेकिन इसके लिए क्या केवल बारात घर ही जिम्मेदार हैं।

Posted By: Inextlive