अधूरा मुआयना, रेट भी मनमाना
1500 कुल नावों का हो रहा संचालन
09 नाव का ही अभी हुआ परीक्षण 10 जनवरी से शुरू होगा माघ मेला -अभी तक केवल नौ नाव का ही परीक्षण कर सकी है जल पुलिस -संगम स्नान के लिए आ रहे श्रद्धालुओं की जान-माल के साथ खिलवाड़ vineet.tiwari@inext.co.in PRAYAGRAJ: माघ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की जान-माल को लेकर जल पुलिस संजीदा नहीं है। कुंभ मेले में हुए हादसे के बावजूद नाव के संचालन पर नजर नहीं रखी जा रही है। अभी गिनती की नावों का ही परीक्षण किया गया है। बावजूद इसके यह नाव बिना किसी रोक-टोक श्रद्धालुओं को ढोने का काम कर रही हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, नाव चलाने वालों द्वारा मेला प्रशासन द्वारा तय रेट से अधिक दाम भी मनमाने ढंग से वसूले जा रहे हैं। तो बिना जांच जारी हो जाएंगे सर्टिफिकेटमाघ मेला सिर पर है। संगम पर इस समय 1500 नाव का संचालन हो रहा है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने शुक्रवार को नाव परीक्षण केंद्र पर जानकारी ली तो चौंकाने वाली जानकारी मिली। बताया गया कि अभी तक केवल नौ नाव का ही परीक्षण हो सका है। जल्द ही बाकी नाव का परीक्षण कर उन्हें सर्टिफिकेट जारी कर दिए जाएंगे। गौरतलब है कि मेला शुरू होने में सिर्फ 14 दिन बाकी है। ऐसे में सर्टिफिकेट किस तरह से और किस आधार पर जारी होंगे, यह बड़ा सवाल है।
नाव में यह होती है जांच -नाव की कैपिसिटी की जांच होती है। -देखा जाता है कि एक बार में कितने लोगों को इसमे ढोया जा सकता है। -नाव की मरम्मत की जानकारी ली जाती है। -इस मौके पर एक इंजीनियर होता है जो अपनी ओर से एनओसी देता है। -नाव में डेंजर लाइन भी खींची जाती है। -अगर नाव अधिक खराब है तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। कुंभ के हादसे से नहीं लिया सबक कुंभ मेला के दौरान नाव पलटने के हादसे से भी मेला पुलिस ने सबक नहीं लिया है। बता दें कि मेले में किला घाट के पास एक नाव के पलट जाने से एक दर्जन लोग डूब गए थे। लेकिन मौके पर मौजूद एनडीआरएफ और जल पुलिस के जवानों ने सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था। हादसा दो फरवरी 2019 को हुआ था। इसके बाद नाव की सुरक्षा से जुड़े कई नियमों का पालन कराया गया। लेकिन आने वाले माघ मेले में इनको फिर से अनदेखा किया जा रहा है। किला घाट से संगम का 160 रुपए किरायानाव संचालक अभी से श्रद्धालुओं से मनमानी रेट वसूलना शुरू कर चुके हैं। जबकि मेला प्रशासन ने बकायदा रेट लिस्ट जारी की है। किला घाट से संगम तक का किराया महज 60 रुपए प्रति व्यक्ति तय किया गया है। लेकिन शुक्रवार को इसकी जगह 160 रुपए वसूले जा रहे थे। इसी तरह थोड़ी थोड़ी दूरी का मनमाना किराया मांगा जा रहा था। हालांकि मेला के अधिकारियों का कहना है कि जगह-जगह बोर्ड लगाए गए हैं, जिनमें किराए का ब्यौरा दिया गया है। इससे अधिक पैसा मांगने पर इसकी शिकायत मेला प्रशासन से की जा सकती है।
यह है निर्धारित किराया (प्रति व्यक्ति) बलुआघाट से संगम: 100 रुपए गऊघाट से संगम: 80 रुपए इमली घाट से संगम: 75 रुपए मिंटो पार्क स संगम: 75 श्रीमनकामेश्वर मंदिर से संगम: 75 रुपए सरस्वती घाट से संगम: 75 रुपए किला घाट से संगम: 60 रुपए अरैल घाट से संगम: 48 रुपए मेला मैदान से संगम: 48 रुपए -पूरी नाव तय करने के लिए नाव की कुल क्षमता का 75 फीसदी किराया देना होगा। -कुंभ में निर्धारित नाव की दरों को इस साल भी लागू किया गया है।