पुलिस खुद 'अनसेफ', पब्लिक कैसे होगी सेफ
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अक्टूबर को डायल 100 के जवानों पर झूंसी के बहादुरपुर कछार में हुआ हमला 30 अक्टूबर को ही सरायइनायत के कोटवा गांव में दबिश देने गई पुलिस पर हमला 01 नवंबर को झूंसी के मलावांखुर्द गांव में पशु तस्करों ने दरोगा पर बोला हमला -जिले के लोगों की हिफाजत करने वाली पुलिस खुद है यहां असुरक्षित -कई मर्तबा पुलिस टीम पर जगह-जगह हो चुके हैं हमले, गिरफ्तारी न होने से बढ़ रहा है हौसला PRAYAGRAJ: जिले पर क्राइम की घटनाओं पर कोई कंट्रोल नहीं है। अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वह पुलिस टीम को ही निशाने पर ले लेती है। एक-दो नहीं बल्कि कई घटनाएं हो चुकी हैं, जहां अपराधियों को पकड़ने गई पुलिस को मुंह की खानी पड़ी। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि खुद अनसेफ पुलिस, भला पब्लिक को सेफ कैसे रखेगी? बरती जा रही लापरवाहीअक्टूबर की तीस तारीख को झूंसी के बहादुरपुर कछार में डायल-100 के जवानों पर हमला हुआ था। डायल-100 को खबर मिली थी कि राहुल पासी और उसके आदमी ट्यूबवेल कर्मचारी की पिटाई कर रहे हैं। जब डायल-100 जवान मौके पर पहुंचे तो दबंग ने साथियों के साथ पुलिस टीम पर हमला बोल दिया। इस हमले में सिपासी अवधेश राय, जीवन लाल और होमगार्ड राजेश कुमार चोटिल हुए थे। राहुल समेत कुल छह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
कोटवा में भी हमला इनमें से राहुल के सिवाय पुलिस किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर सकी। इसी दिन सरायइनायत के कोटवा गांव में वांछित अभियुक्त विपिन कुमार पांडेय को पकड़ने के लिए पुलिस ने दबिश दी थी। अभियुक्त और उसके पिता रिटायर्ड दरोगा चंद्रबली पांडेय आदि ने पुलिस पर हमला कर दिया था। इस हमले में सिपाही मो। हासिम खान व सिद्धार्थ राय को चोटें आई थीं। मामले में सात नामजद व 15 अज्ञात पर केस दर्ज किया गया था। इस हमले में भी आरोपितों को पुलिस आज तक नहीं पकड़ सकी। 150 के खिलाफ रिपोर्ट, अरेस्ट एक भी नहींएक नवंबर को झूंसी के मलावांखुर्द गांव में पशु तस्करों ने दरोगा अमित कुमार सिंह पर हमला बोला गया था। मामले में पशु तस्कर फुरकान सहित 20 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस इस मामले में भी किसी अभियुक्त को आज तक गिरफ्तार नहीं कर सकी। नवाबगंज में युवक की हत्या के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने 17 अक्टूबर को हमला बोल दिया था। गाडि़यां भी तोड़ी गई थीं। 150 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट तो दर्ज हुई, लेकिन गिरफ्तारी एक भी नहीं की गई।
पहले भी हो चुके हैं हमले 08 जून 2019 बारा थाने के दरोगा अर्जुन सिंह व सिपाही रविंद्र कुमार के ऊपर घूरपुर के इरादतगंज गांव में हमला हुआ। टीम अशोक कोल को पकड़ने गई थी। 14 जुलाई 2019 धूमनगंज के रसूलपुर मरियाडीह में वांटेड अभियुक्त नूरैन अहमद को पकड़ने गए बम्हरौली चौकी इंचार्ज व उनकी टीम पर हमला हुआ। 02 अगस्त 2019 शिवकुटी के गोविंदपुर में मां की पिटाई कर रहे युवक को पकड़ने गई पुलिस पर तेजाब से हमला। एक दरोगा सहित कई सिपाही झुलसे थे। 22 अगस्त 2019 कोरांव के बड़ोखर गांव में गैंस एजेंसी की गाड़ी के चालक को लूट रहे बदमाशों ने दरोगा अजीत सिंह की पिटाई की थी। टीम पर हमला करने वाले तीन शख्स गिरफ्तार किए गए हैं। रात में भी दबिश दी जा रही है। आरोपित किसी भी दशा में छोड़े नहीं जाएंगे। गिरफ्तारी की मॉनीटरिंग मैं स्वयं भी कर रहा हूं। -नरेंद्र कुमार सिंह, एसपी गंगापार