डेंगू से ज्यादा डेंगू का डर हावी
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जिले में अब तक चिन्हित किये गये डेंगू के कुल मरीज 27 नये मरीज गुरुवार को चिन्हित किए गए 06 नए मरीज दूसरे शहर से लेकर आए हैं बीमारी 65 सैंपल गुरुवार को जांच के लिए पहुंचे एसआरएन जागरुकता के अभाव में काट रहे माइक्रोबायोलॉजी लैब के चक्कर 90 दिनों तक पॉजिटिव आता है सैंपल, किसी को नहीं है जानकारीPRAYAGRAJ: डेंगू हो जाने के बाद करीब तीन महीने तक शरीर में इसका असर रहता है। ऐसे में डेंगू की जांच कराने पर 90 दिनों तक रिपोर्ट पॉजिटिव आती है। इस फैक्ट से अनजान लोग जांच पर जांच कराए जा रहे हैं। नतीजा, डेंगू के जेनुइन केसेज से ज्यादा रिपीटेड केसेज जांच के लिए आ रहे हैं। इसका उदाहरण माइक्रोबायोलॉजी लैब में जांच के लिए आने वाले डेंगू के सैंपल हैं। रोजाना इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है। हर दिन ऐसे दर्जनों सैंपल पकड़े जा रहे हैं, जिससे जांच रिपोर्ट आने में देर लग रही है।
नाम बदलकर कराते हैं जांच एमएलएन मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब में डेंगू की एलाइजा जांच की जाती है। यहां आजकल 60 से 70 सैंपल जांच के लिए रोजाना आते हैं।खास यह कि इनमें कई सैंपल ऐसे होते जो तीसरी या चौथी बार भेजे जाते हैं।
यह वह मरीज हैं जिनको कंफर्मेशन को लेकर प्रॉब्लम है या वह इलाज के बाद भी संतुष्ट नहीं होते। एक बार सैंपल पकड़े जाने के बाद डुप्लीकेट कैटेगरी में रिजेक्ट कर दिया जाता है। इसके बाद मरीज नाम और पता बदलकर फिर से जांच के लिए भेज देते हैं। ऐसे में उनको पकड़ना मुश्किल होता है। लोगों को नहीं मालूम है फैक्ट फैक्ट कहता है कि एक बार डेंगू हो जाने के बाद 90 दिनों तक इसकी रिपोर्ट पाजिटिव आती है। यही कारण है कि ठीक हो जाने के बाद भी पेशेंट सैटिस्फाई नहीं होते। सैंपल पकड़े जाने के बाद संबंधित मरीज को फोन पर यह जानकारी भी दी जा रही है। बावजूद इसके लोग सैंपल की जांच कराने से बाज नहीं आ रहे हैं। बता दें कि जिले में महज एक लैब है जहां डेंगू की सरकारी तौर पर एलाइजा जांच की जाती है। यहां एक जांच की कीमत महज दो सौ रुपए है। फिर 27 मरीजों ने दी दस्तकउधर, डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को सैंपल की जांच में डेंगू के 27 नए मरीज सामने आए। इनमें से आधा दर्जन माइग्रेटेड बताए जा रहे हैं। जिले में डेंगू के मरीजों की कुल संख्या 609 पहुंच चुकी है। ठंड बढ़ने के बावजूद इस साल न तो मरीजों की संख्या कम हो रही है और न ही जांच के लिए आने वाले सैंपल्स की।
डेंगू को लेकर दहशत अधिक है। लैब में रोजाना डुप्लीकेट सैंपल पकड़ जा रहे हैं। मेरी अपील है कि बिना डॉक्टर की सलाह के अपनी जांच न कराएं। डेंगू पॉजिटिव आने के बाद एक से दूसरी जांच के बीच 90 दिन का गैप रखना जरूरी है, वरना रिपोर्ट पाजिटिव आ जाएगी। -डॉ। मेजर गिरिजाशंकर बाजपेई, सीएमओ प्रयागराज