-दबाव के बावजूद रेप करने वाले दूर के रिश्तेदार को छात्रा ने सिखाया सबक

PRAYAGRAJ: रेप के मामलों में अक्सर रिलेटिव्स ही दोषी होते हैं। ऐसा ही एक मामला 2015 में आया था। शहर में पढ़ने आई एक छात्रा को उसके दूर के रिश्तेदार ने अपनी हवस का शिकार बना लिया। ऐसे में उस छात्रा की स्थिति को बड़ी आसानी से समझा जा सकता है। तमाम तरह का सोशल और फैमिली प्रेशर। लेकिन इसके बावजूद उस छात्रा ने अपने ऊपर हुए इस जुल्म की लड़ाई लड़ी। पूरी घटना की डिटेल बता रही हैं महिला अधिकार संगठन की अध्यक्ष मंजू पाठक

दबाव पर भी नहीं की शादी

साल 2015 में हुई वह घटना अच्छी तरह से याद है। होलागढ़ की एक युवती यहां पढ़ने के लिए आई थी। उस वक्त उसकी उम्र यही कोई 19-20 साल रही होगी। किस क्लास में थी यह तो याद नहीं। लेकिन इतना जरूर है कि वह छोटा बघाड़ा में किराए पर रह रही अपनी बुआ के पास रहती थी। उसकी बुआ की बेटी यहां तैयारी करती थी। उसने बताया था कि बुआ की बेटी रोज की तरह कोचिंग गई हुई थी। उसी दिन उसकी मौसी के दामाद का भाई रूम पर पहुंचा। उसको अकेला देखकर उसकी नीयत डोल गई। उसने न सिर्फ उसके साथ रेप किया, बल्कि उसे मारा-पीटा भी था। बुआ की बेटी जब कोचिंग से वापस आई उसको सारी बात बताई। उसने घर वालों की खबर दी। बात रिश्तेदारी की थी सो दबाव आने शुरू हो गए। उसी लड़के से शादी करवाने तक की चलने लगी।

अफसर के आदेश पर लिखी रिपोर्ट

पीडि़त युवती रेपिस्ट से शादी करने के लिए राजी नहीं थी। उसकी बस एक ही जिद थी कि रेपिस्ट के ऊपर कानूनी कार्रवाई हो। घरवालों के दबाव में पुलिस कोई भी एक्शन नहीं ले रही थी। इसी बीच एक दिन एसएसपी ऑफिस में उसकी मुझसे मुलाकात हो गई। उसकी पीड़ा और हौसले की बात सुनी तो मुझे भी लगा कि सपोर्ट करने से उसे इंसाफ मिल सकता है। मैं एसएसपी के बजाय उसे लेकर एसपी गंगापार के दफ्तर पहुंची। एसपी गंगापार के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज तो कर लिया पर पीडि़ता के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई।

धमकी से भी नहीं टूटा हौसला

लड़की और उसकी फैमिली को धमकियां मिलने लगीं। रेप करने वाले से शादी करने का दबाव डाला जाने लगा। यह बात भी उसने मुझसे बताया। आरोपित खुलेआम घूम रहा था। मैंने खुद युवती के साथ मामले की पैरवी शुरू कर दी। अफसरों का दबाव बना तो लोकल पुलिस को दोषी को अरेस्ट करना पड़ा। इस तरह युवती ने रेप के खिलाफ साहस दिखाई तो उसे मददगार भी मिल गए और इंसाफ भी मिला।

यह घटना मुझे इसलिए याद है क्योंकि केस की पैरवी में कई मर्तबा उसके साथ एसएसपी व गंगापार एसपी से मिलना पड़ा था। खुशी यह है कि आरोपित पकड़ा गया और जेल भेजा गया।

-मंजू पाठक, अध्यक्ष महिला अधिकार संगठन

Posted By: Inextlive