-क्लासमेट के भाई ने छात्रा के साथ किया था रेप, परिजनों को धमकी के बावजूद लड़ती रही छात्रा

PRAYAGRAJ: जिंदगी में कई घटनाएं हो जाती हैं जो भूलती नहीं। आज भी मैं 2013 में एक स्टूडेंट के साथ हुए रेप के बारे में सोचती हूं तो सिहर उठती हूं। रेप के बाद जस्टिस के लिए उसने जो ट्रॉमा झेला वह बहुत खतरनाक था। एक वक्त तो ऐसा भी आया जब उस लड़की के मां-बाप को धमकियां भी खूब मिलीं। लेकिन इसके बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी और आखिर इंसाफ की जंग में विजयश्री हासिल की।

नोट्स लेने गई थी

प्रतापगढ़ की एक फैमिली मम्फोर्डगंज में किराए पर रहती थी। पिता प्राइवेट जॉब करते थे। बेटी शहर के एक इंटर कॉलेज में 11वीं की स्टूडेंट थी। थोड़ी ही दूर पर एक अन्य मकान में उस लड़की की फ्रेंड भी रहती थी। वहां अक्सर आना-जाना था। एक दिन नोट्स लेने पहुंची तो वहां न उसकी दोस्त थी और ना ही उसके पैरेंट्स। केवल दोस्त का भाई था। उसने दरवाजा खोला। बताया कि बहन घर पर नहीं है। मम्मी-पापा के साथ गई है। थोड़ा वेट कर लो आ जाएगी। नोट्स लेना जरूरी था तो वह वहीं रुक गई। इसी बीच दोस्त के भाई ने धोखे से उसकी इज्जत लूट ली।

मुंह न खोलने की दी धमकी

आबरू लूटने के बाद दोस्त के भाई ने लड़की को धमकी देते हुए वहां से चले जाने को कहा। साथ ही मुंह न खोलने की भी ताकीद की। डरी-सहमी छात्रा सुबकते हुए अपने घर पहुंची। रोते देख फैमिली मेंबर्स पूछने लगे। उसने घरवालों से बात शेयर की तो वह लोग शिकायत करने उसके दोस्त के घर पहुंचे। लेकिन लड़के के घरवालों ने शिकायत सुनने के बजाए उन्हीं लोगों को उलटा-सीधा कहने लगे। वह लोग वहां के लोकल थे और पीडि़ता का परिवार बाहर से आया था। ऐसे में उन्हें तमाम तरह की धमकियां भी दी गई। इसके बाद पीडि़ता की फैमिली ने पुलिस का रुख किया। कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची तो इज्जत-आबरू की बात का हवाला देकर वापस कर दिया गया।

लिखी नहीं जा रही थी रिपोर्ट

रिपोर्ट लिखी ही नहीं जा रही थी। इस बीच किसी ने उन लोगों को मेरे महिला अधिकार संगठन के बारे में बताया। वह मेरे पास पहुंचे। संगठन ने दम भरा तो पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ी। एफआईआर होने के बाद युवक व उसके परिवार के लोग छात्रा को और परेशान करने लगे। युवक के साथी-संगी रास्ते में भी उस पर कमेंट्स करते थे। युवती यह बात संगठन से खुद आकर बताई। वह पढ़ाई छोड़ने का बन बना चुकी थी। छात्रा की दोस्त ने भी उससे बात करना बंद कर दिया था। छात्रा मिल रही धमकी और रास्ते में परेशान करने की बात आने पर हम लोगों ने गिरफ्तारी का दबाव बनाया। अधिकारियों से शिकायत की गई तब जाकर गिरफ्तारी हुई और लड़की को इंसाफ मिला।

(घटना की जानकारी महिला अधिकार संगठन की अध्यक्ष मंजू पाठक ने शेयर की है। पहचान छिपाने के लिए नाम व तथ्यों में बदलाव किया गया है)

इस घटना से हर छात्रा व युवती को सबक लेनी चाहिए। क्लासमेट विश्वासपात्र हो सकती है। मगर उसके परिजन भी ऐसे हों यह यकीन के साथ नहीं कहा जा सकता था। इसलिए सावधानी और सतर्कता व जागरूकता ही ऐसी घटनाओं से बचने का एकमात्र रास्ता है।

-मंजू पाठक, महिला अधिकार संगठन

Posted By: Inextlive