कम उम्र के लोग भी नशे के चलते हो रहे कैनाबिस विड्रोल सिम्टम्स के शिकार

एग्जाम्पल केस एक

35 वर्षीय किशोर करीब 10 साल से गांजे के नशे का आदी था। लॉकडाउन के कारण गांजा का सेवन नहीं कर पा रहा था। उसके अंदर कई विड्रोल सिम्टम्स शुरू हो गए। ठंड लगना, हाथों में कंपन, अकारण गुस्सा, आक्रामकता डिप्रेशन, एंजाइटी आदि लक्षण दिखने लगे। इसके चलते उसने घर में मारपीट, आत्महत्या की धमकी देना, पैसा-जेवर चुराकर रख लेना जैसा व्यवहार प्रदर्शित किया। परिवार के लोग उसे लेकर मानसिक स्वास्थ्य ओपीडी पहुंचे तो पता चला कि वह कैनाबिस विड्रोल सिम्टम्स से पीडि़त है। जिसके लिए दवाइयों व मनोचिकित्सा दोनों के साथ उसका उपचार किया गया। अब उसकी स्थिति बेहतर है।

एग्जाम्पल केस दो

41 वर्षीय रिक्शा चालक लंबे समय से स्मैक और शराब का आदी था। एक दिन गुस्से में उसने अपनी पत्नी का सर फोड़ दिया तथा बच्चों को मारने पर उतारू हो गया। पड़ोसियों के सहयोग से वह काल्विन के मनोचिकित्सा ओपीडी में पहुंचा। डॉक्टरों ने चेकिंग में पाया कि वह सब्सटन्स इंड्यूस्ड साइकोसिस का शिकार हो गया है। दवाइयों और मनोवैज्ञानिक उपचार से अब वह पूर्णत: स्वस्थ है।

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मानसिक स्वास्थ्य प्रोग्राम प्रयागराज की टीम द्वारा अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन ऑल तस्करी निरोध दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बेहतर देखभाल के लिए बेहतर ज्ञान थीम को ध्यान में रखते हुए मानसिक स्वास्थ्य टीम ने नशे से संबंधित जानकारी लोगों को उपलब्ध करायी। कहा कि सिर्फ जज्बा दिखाने की जरूरत है। नशे के आदी लोग भी सुधर रहे हैं। बस उन्हें प्रापर केयर और गाइडेंस की जरूरत है।

मनोचिकित्सक परामर्शदाता डॉ राकेश कुमार पासवान एवं नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ ईशान्या राज द्वारा ओपीडी में आए प्रत्येक मरीज को शराब, मादक पदार्थ एवं द्रव्यों के सेवन आदि से होने वाले मनोवैज्ञानिक, समाजिक, शारीरिक, आíथक, पारिवारिक, दुष्परिणामों की जानकारी दी गयी। मनोचिकित्सक परामर्शदाता डॉ अजय कुमार मिश्रा ने ड्रग्स की लत के कारण भूख एवं वजन, कब्ज, चिंता का बढ़ना, चिड़चिड़ापन, नींद आना जैसे गंभीर नुकसान के लक्षण के बारे में बताया।

सामाजिक कार्यकर्ता जय शंकर पटेल ने परिवारिक सदस्यों को सहयोगात्मक रवैया बनाए रखने और नशे से पीडि़त रोगियों पर नजर रखने की अपील की। संजय तिवारी व शैलेश कुमार ने कर्मचारियों, डॉक्टरों एवं रोगियों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी पंपलेट वितरित किया। अभियान एसीएमओ डॉ वीके मिश्रा एवं सीएमएस डॉ। वीके सिंह की देखरेख में चलाया गया।

Posted By: Inextlive