GORAKHPUR: मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में गोरखपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हाई प्रोफाइल कैदी अमर मणि त्रिपाठी की जेल से आउटिंग पूरी तरह बंद हो गई है. नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा उनकी आजीवन कारावास की सजा पर मुहर लगाए जाने के बाद से अमरमणि जेल से बाहर नहीं निकले हैं. सूत्रों के मुताबिक जेल में उनसे अक्सर मिलने आने वाले सपोर्टर्स भी अचानक गायब हो गए हैं. लिहाजा जेल में लगने वाला उनका दरबार भी बंद हो गया है. सेशन कोर्ट के बाद हाईकोर्ट के भी आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखने का फैसला आते ही अमरमणि का रुतबा अचानक कम हो गया है. कभी इलाज के नाम पर तो कभी कोर्ट में पेशी के बहाने जेल से बाहर तफरीह को अपनी शान समझने वाले पूर्व मंत्री पिछले एक सप्ताह से जेल से बाहर ही नहीं निकले हैं. पूर्व मंत्री में आए इस चेंज से जहां उनके गुर्गे परेशान हैं तो जेल के अफसर हैरान है. माना जा रहा है कि अमरमणि के जेल से रिहा होने की उम्मीद खत्म होने के कारण उनके सपोर्टर्स ने अब उनसे किनारा करना शुरू कर दिया है.


ठीक हो गई बीमारी!मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में गोरखपुर जेल में बंद अमरमणि त्रिपाठी उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। जेल से बाहर निकलने की उम्मीद से अमरमणि ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। मगर हाइकोर्ट का फैसला भी अमरमणि के खिलाफ आया। हाइकोर्ट के फैसले के बाद अचानक अमरमणि की तबीयत बिगड़ने के बजाय ठीक हो गई। इससे यह कहना मुश्किल हो गया है कि अमरमणि पहले बीमार थे भी या नहीं? अगर बीमार थे तो क्या जेल से बाहर निकलने की उम्मीद टूटने से उन्होंने बीआरडी मेडिकल कॉलेज जाना छोड़ दिया है। फैसले के पहले अमरमणि डेली बीआरडी मेडिकल फिजियोथेरेपी के लिए जाते थे। मगर फैसले के बाद उन्होंने मेडिकल कॉलेज जाना बंद कर दिया है।

घटने लगे हमदर्द
जेल सोर्सेज के मुताबिक उम्र कैद की सजा बरकरार रहते ही पूर्व मंत्री के रुतबे में कमी आई है, वहीं उनके हमदर्दों की संख्या भी लगातार घटती जा रही है। 15 दिन पहले जहां जेल में मिलाई का दिन न होने के बावजूद अमरमणि का दरबार सजा रहता था। मगर अब मिलाई के दिन भी जेल में अमरमणि से मिलने बमुश्किल ही कुछ लोग आते हैं। फैसले के बाद न तो अमरमणि फिजियोथेरेपी के लिए गए हैं और न ही पेशी पर। जबकि इसके पहले संडे छोड़ शायद ही ऐसा कोई दिन बीतता था जब अमरमणि जेल की सलाखों के बाहर न जाते हो।

Posted By: Inextlive