मानवाधिकारों से जुड़े संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ईरान से अपील की है कि वह एक बार फाँसी की सज़ा देने में कुछ गड़बड़ी की वजह से बच गए एक ड्रग स्मग्लर को दोबारा फाँसी न दे.


पिछले हफ़्ते पूर्वोत्तर के शहर बोजनोर्द में अलीरेज़ एम को एक जेल में फाँसी पर लटका दिया गया था मगर उसके बाद वह शवगृह में ज़िंदा पाए गए.अब उनका इलाज हो रहा है जिससे वह दोबारा फाँसी पर लटकाए जाने के लिए ठीक हो सकें.एक अधिकारी ने बताया, "फाँसी की सज़ा का हुक़्म सुनाया गया था और एक बार जब वह व्यक्ति पूरी तरह ठीक हो जाएगा तो ये सज़ा फिर दी जाएगी."मानवाधिकार संगठन मानते हैं कि हत्या और बलात्कार से लेकर जासूसी और नशीली दवाओं के तस्करों को फाँसी देने के मामले में ईरान का नंबर चीन के बाद दूसरा है.अलीरेज़ एम को 12 मिनट तक फाँसी पर लटकाकर रखा गया था जिसके बाद एक डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.ख़ुश हो गया परिवार


मगर अगले दिन जब उस क़ैदी का परिवार उनका शव लेने जेल के शवगृह पहुँचा तो उन्होंने देखा कि वह साँस ले रहे थे."एक बार फाँसी की सज़ा की पूरी प्रक्रिया से गुज़रने के बाद इस व्यक्ति के दोबारा फाँसी पर लटकाए जाने की संभावना इस सज़ा से जुड़ी क्रूरता और अमानवीयता को फिर से दर्शाता है"-फ़िलिप लूथर, एमनेस्टी इंटरनेशनल

एक अनाम परिजन ने ईरान के सरकारी मीडिया को बताया, "हमने उन्हें फिर ज़िंदा पाया और ये देखकर उनकी दोनों बेटियाँ काफ़ी ख़ुश हो गईं."इसके बाद उस व्यक्ति को अस्पताल पहुँचाया गया और वहाँ उन्हें सशस्त्र सैनिकों की निगरानी में रखा गया है.एमनेस्टी इंटरनेशनल के मध्य पूर्व और अफ़्रीका कार्यक्रम के निदेशक फ़िलिप लूथर ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "एक बार फाँसी की सज़ा की पूरी प्रक्रिया से गुज़रने के बाद इस व्यक्ति के दोबारा फाँसी पर लटकाए जाने की संभावना इस सज़ा से जुड़ी क्रूरता और अमानवीयता को फिर से दर्शाता है."उन्होंने इस व्यक्ति को दोबारा फाँसी पर न लटकाने की माँग करते हुए ईरान में इस सज़ा पर ही रोक लगाने की अपील की है.एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक़ ईरान में इस साल अब तक 508 लोग फाँसी पर लटकाए गए हैं. संगठन के अनुसार इमें से अधिकतर लोग नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में ही लटकाए गए हैं.

Posted By: Subhesh Sharma