महानिबन्धक से दो हफ्ते में जवाब-तलब

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमों की सुनवाई व्यवस्था के तहत काजलिस्ट प्रकाशन व वितरण जनवरी 2016 से बन्द करने के खिलाफ जनहित याचिका पर अदालत ने महानिबन्धक से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 18 दिसम्बर को होगी। कोर्ट ने जवाबी हलफनामे में पूछा है कि मुकदमों की सुनवाई की नयी प्रणाली लागू करने की मुख्य न्यायाधीश से अनुमति ली गयी है या नहीं? एसएमएस या अन्य तरीके से मुकदमों की सुनवाई तिथि की सूचना उपलब्ध कराने के लिए प्राइवेट एजेन्सी की ली जा रही सेवाओं में पारदर्शिता बरती गयी है या नहीं।

यह आदेश जस्टिस वीके शुक्ल तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खण्डपीठ ने अधिवक्ता सुनीता शर्मा की जनहित याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता वीसी श्रीवास्तव का कहना है कि हाईकोर्ट रूल्स में मुकदमों की सुनवाई की तिथि की सूचना काजलिस्ट के जरिये वकीलों को एक दिन पहले मिल जाती है जिससे वे शाम को ही मुकदमों की तैयारी कर कोर्ट में बहस करते है। नयी व्यवस्था में इन्टरनेट के जरिये वेबसाइट से या प्राइवेट एजेन्सी द्वारा इसकी जानकारी दी जाएगी। याची का कहना है कि बहुत से वकीलों के पास नेट या एन्ड्रॉयड फोन नहीं होने से परेशानी उठानी पड़ेगी। साथ ही प्राइवेट एजेन्सी देर रात सूचना दे रही है जिससे मुकदमों की ठीक से तैयारी नहीं सकती। याचिका में काजलिस्ट का प्रकाशन जारी रखने की मांग की गयी है। उल्लेखनीय है कि निबन्धक (लिस्टिंग) द्वारा विगत एक माह से सूचना दी जा रही है कि जनवरी 16 से काजलिस्ट का प्रकाशन बन्द हो जायेगा। ऐसा मुख्य न्यायाधीशों के दिल्ली में हुए सम्मेलन में कोर्ट कार्यवाही के डिजिटाइजेशन के तहत लिए गये निर्णायक आधार पर किया गया है।

Posted By: Inextlive