एक आम मुसलमान का आमिर को जवाब, जिसे पढ़कर आप गर्व करेंगे
रहमान के खिलाफ एक मुस्लिम संगठन ने ईरानी फिल्म 'मुहम्मद: द मैसेंजर ऑफ गॉड' में संगीत देने पर फतवा जारी किया हुआ है। वहीं आमिर ने असहिष्णुता पर पत्नी किरन राव की चिंता को जगजाहिर किया है। जिसके बाद कुछ हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किए हैं। बहरहाल हम बात कर रहे हैं सवाल जवाब की कम्युनिटी वेबसाइट कोरा पर चली बहस की। जिसका सवाल है कि एक भारतीय मुसलमान के तौर पर आपको किस तरह के भेदभाव का सामना करना पड़ा है। पोस्ट पर आए जवाबों में से सैयद नासिर का जवाब भारत की मिली जुली संस्कृति और गंगा जमुनी तहजीब में यकीन करने वालों में से किसी का भी सिर गर्व से ऊंचा कर सकता है। जिसे पढ़कर आप कह सकते हैं, सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा। यह अच्छाई बनी रहे इसकी जिम्मेदारी जरूर हम सबके कंधों पर है।
उनके जवाब को 23,200 लोगों ने अपवोट व 600 बार शेयर किया है। जवाब पर भी 310 से ज्यादा प्रतिक्रियाएं हैं। अपनी प्रोफाइल पर उन्होंने लिखा हुआ है उन्हें इस्लाम की साधारण समझ है। यह सवाल-जवाब पुराना जरूर है लेकिन आज के समय में बेहद प्रासंगिक। उनका मूल जवाब अंग्रेजी में है जिसे हम हिंदी में दे रहे हैं।वह लिखते हैं
मेरे साथ एक बार नहीं कई बार भेदभाव हुआ है।रमजान के महीने में जब मेरे दोस्त अपने व मेरे बीच भेदभाव करते हुए कहते हैं कि तुम घर जाओ हम काम संभाल लेंगे।रमजान की एक शाम एक गैर मुस्लिम दोस्त ने अपने व मेरे घर के बीच भेदभाव किया। उसने कहा कि आज हम प्रोजेक्ट वर्क तुम्हारे घर पर निपटाएंगे, चूंकि रमजान है और मैं तुम्हारे घर पर बने लजीज व्यंजनों का स्वाद मिस नहीं करना चाहता।जब भी शराब पीने वाले दोस्तों के साथ पार्टी होती है तो वह मेरे साथ भेदभाव करते और मेरे लिए सॉफ्ट ड्रिंक लाना नहीं भूलते।जब भी हम कहीं बाहर नॉन वेज खाने का प्लान बनाते हैं। तो मेरे दोस्त रेस्तरांओं के बीच भेदभाव करते हैं। वे वहीं जाते हैं जहां उन्हें मेरे लिए हलाल फूड मिलने का यकीन होता है।हर शुक्रवार को मुझे अपने और गैर मुस्लिम दोस्तों के बीच भेदभाव महसूसत होता है। जब मुझे नमाज के लिए जाने की इजाजत होती है और वे उस आधे घंटे के दौरान काम कर रहे होते हैं।तफरी के दौरान भी मुझसे भेदभाव होता है। अगर माहौल है तो मुझसे ऊर्दू शायरी सुनाने की उम्मीद की जाती है।
हर बार घर जाते समय मुझे भेदभाव का सामना करना पड़ता है। वापस आने पर मुझसे ढेर सारी बिरयानी लाने की उम्मीद की जाती है। किसी और के साथ ऐसा नहीं होता। यह भेदभाव है। हर रोज जब दोपहर के वक्त वर्कप्लेस पर अपनी टेबल के करीब नमाज के वक्त मेरे साथी बाहर चले जाते हैं। जिससे कि उन पांच मिनटों के दौरान लंच की उनकी गपशप से मैं डिस्टर्ब न हो जाऊं।मुझे लगता है मैंने सवाल का जवाब दे दिया। बहरहाल अगर साफ शब्दों में कहूं तो मुझे याद नहीं आता कि कभी मेरे साथ कहीं पर भी भेदभाव हुआ। मुझे नौकरी बिना किसी परेशानी के और प्रमोशन टैलेंट के दम पर मिला। इस्तीफा भी बिना किसी विवाद के दिया। मैं अपने करियर में बिना यह इस फीलिंग के साथ आगे बढ़ सकता हूं कि अपने धर्म के चलते मैंने कोई अवसर खो दिया।
कुछ मुस्लिम दोस्तों ने जरूर मुझे बताया कि उन्हें नए शहर में किराए का मकान मिलने में तकलीफ होती है। मेरा मानना है कि ऐसा मकानमालिकों के मुस्लिमों को नापसंद करने की बजाय नॉन वेजिटेरियंस को मकान न देने के चलते हो सकता है। मांस मच्छी न खाना उनके धर्म का हिस्सा होगा और संभव है वह अपने घर में मांस न चाहते हों। ऐसे लोगों को दरकिनार कर आगे बढ़िए। आखिर आपका इरादा मकानमालिक की बेटी से शादी करने का तो नहीं है।अगर आपको लगता है कि भारत में आपके साथ भेदभाव होता है, तो मैं इसे Baader-Meinhof फेनोमेना कहकर बुलाऊंगा। इसमें किसी का सामना अस्पष्ट जानकारी से होता है कई बार कोई अनजाना शब्द या नाम और जल्द ही कई बार उसी से सामना होता है।संभव है आप अपने धर्म को लेकर कांशियस हो रहे हैं, जिसके चलते लगने लगा है कि सिर पर लगी टोपी की वजह से एयरपोर्ट पर ज्यादा तलाशी या ट्रैफिक पुलिस वाला रोक रहा है। इन्हें इग्नोर कर आगे बढ़िए। भारत में आगे बढ़ने के लिए आपके पास पर्याप्त मौके हैं।
सिविल सर्विस एग्जामिनेशन से लेकर सॉफ्टेवेयर इंडस्ट्री में नौकरियों तक, पर्याप्त व ट्रांसपेरेंट रास्ते हैं जहां आप अपने को साबित कर सकते हैं। उन पर ध्यान केंद्रित करिए बजाय यह सोचने कि मेट्रो में बैठी महिला आपको दाढ़ी के चलते देख रही थी। अपने गैर मुस्लिम दोस्तों के सवालों का जवाब दीजिए जो वह अकसर किसी दुर्भावना नहीं बल्कि क्यूरियोसिटी के चलते पूछ रहे होते हैं। मुस्कुराते रहिए। अपने धर्म व उसकी हीलिंग व अच्छाई को बढ़ावा देने की ताकत में यकीन करिए। आपका वक्त अच्छा गुजरेगा।प्राउड एंड हैप्पी टू बी इंडियन। जय हिंद...अंग्रेजी में मूल जवाब पढ़ने के लिए यहां क्लिक करेंinextlive from Spark-Bites Desk