- सदर सांसद योगी आदित्यनाथ और डीआरएम अनूप कुमार ने ज्वाइंटली शेयर किए व्यूज

- जुलाई में कंप्लीट हो जाएगा इलेक्ट्रिफिकेशन का वर्क, वहीं सेकेंड एंट्री भी हो जाएगी कंप्लीट

- सदर सांसद ने जताई गोरखपुर जंक्शन का लोड कम करने की जरूरत

GORAKHPUR : गोरखपुर और आसपास के मुसाफिरों के लिए अगस्त से सौगातों की बरसात होगी। एक तरफ जहां उनका सफर इलेक्ट्रिक ट्रेंस में पूरा होगा, वहीं धर्मशाला ओवर ब्रिज के दूसरी ओर से आने वाले मुसाफिरों के लिए सेकेंड एंट्री भी स्टार्ट हो जाएगी। इसके साथ ही अक्टूबर तक एस्केलेटर भी लग जाने की उम्मीद है। स्टेशन से लोड कम करने की पहल भी शुरू हो चुकी है। इससे न सिर्फ प्लेटफॉर्म पर आने वाले मुसाफिरों को को सहूलत होगी बल्कि गोरखपुर जंक्शन का बोझ भी कम हो जाएगा।

 

जुलाई से दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक ट्रेंस

गोरखपुराइट्स को इलेक्ट्रिक ट्रेंस का काफी दिनों से इंतजार है। उनका यह इंतजार जुलाई तक खत्म हो जाएगा। सदर सांसद ने बताया कि इस मामले में उन्होंने रेलवे ऑफिशियल्स से बात की है, तो उन्होंने बताया है कि जुलाई तक गोरखपुर-गोंडा के बीच बचा हुआ इलेक्ट्रिफिकेशन का वर्क कंप्लीट हो जाएगा। इसके बाद इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने की उम्मीद है। इसके साथ ही गोरखपुर जंक्शन के अपोजिट छोर से आने वाले मुसाफिरों के लिए सेकेंड एंट्री तो स्टार्ट कर दी गई है, लेकिन एक मंथ में इसको प्रॉपर कर दिया जाएगा। सेकेंड एंट्री का इस्तेमाल भी कैबवे के तौर पर किया जाएगा।

 

सैटेलाइट स्टेशन का दिया सुझाव

प्रेस से रूबरू होते हुए सदर सांसद योगी आदित्यनाथ और डीआरएम अनूप कुमार ने जुलाई से होने वाले चेंजेज के बारे में इंफॉर्मेशन दी। इस दौरान सदर सांसद ने बताया कि गोरखपुर जंक्शन पर पैसेंजर्स का भारी दबाव है। सिर्फ गोरखपुर और आसपास के नहीं बल्कि बिहार और नेपाल के कुछ हिस्से के मुसाफिर गोरखपुर जंक्शन का ही यूज करते हैं। आंकड़ों में बात करें तो करीब 3 करोड़ आबादी कहीं जाने के लिए गोरखपुर पर डिपेंड करती है। इससे स्टेशन का बोझ बढ़ना लाजमी है। इसके लिए अब जरूरत है कि स्टेशन का लोड कम किया जाए। इसके लिए गोरखपुर कैंट, नकहा और डोमिनगढ़ बेस्ट ऑप्शन हैं। इस पर डीआरएम ने बताया कि इसके लिए सर्वे वर्क स्टार्ट हो चुका है और जल्द ही इसपर फैसला लिया जाएगा।

 

जल्द सॉल्व होगी कोच की प्रॉब्लम

रेक अनअवेलबिल्टी की वजह से लगातार लेट और रीशेड्यूल्ड हो रही ट्रेंस के बारे में पूछे गए सवाल पर डीआरएम ने बताया कि रेक की कमी है। जिसकी वजह से ट्रेंस लेट और रीशेड्यूल्ड हो रही हैं। दूसरे जोन में कुछ कोचेज रखे हुए हैं। जैसे ही वह एनई रेलवे को हैंडओवर होते हैं, उनको प्रॉपर में यूज किया जाएगा। इससे कोचेज की परमानेंट प्रॉब्लम तो सॉल्व होगी ही, साथ ही नई और स्पेशल ट्रेंस भी चलाई जा सकेंगी, जिससे मुसाफिरों को बड़ी राहत मिलेगी।

 

ऑफिसर्स की थपथपाई पीठ

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महंत आदित्यनाथ ने रेलवे अफसरों की पीठ भी थपथपाई। उन्होंने कहा कि मैं अक्सर स्टेशन पर आता हूं और यहां पर दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जाने वाले मुसाफिरों की भारी भीड़ जमा रहती है। इन सबको प्रॉपर कोच में बैठाना, उनके लिए पानी की व्यवस्था करवाना और तमाम जरूरी जरूरतों को पूरा कराने में लखनऊ मंडल की टीम काफी अच्छा काम कर रही है। उन्होंने एरिया मैनेजर और उनकी टीम की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि डीआरएम के नेतृत्व में लखनऊ मंडल की टीम अच्छा काम कर रही है, यही वजह है कि रेल मिनिस्टर अवार्ड के साथ ही एनई रेलवे लखनऊ मंडल ने कई और अवार्ड हासिल किए हैं।

Posted By: Inextlive