मेरठ (ब्यूरो)। सिटी रेलवे स्टेशन आज की डेट में आधुनिक सुविधाओं से लैस है। वाटर एटीएम, टिकट वेंडिंग मशीन, एस्क्लेटर, लिफ्ट समेत हेल्थ एटीएम जैसी मशीनें यहां लगी हुई हैैं। मगर समस्या यह है कि लोग इन मशीनों का यूज नहीं कर पा रहे हैैं। अरे कहीं आप ये तो नहीं समझ रहे कि ये मशीनें नहीं शोपीस हैैं। दरअसल, खबर ये है कि इन मशीनों के लिए लाखों खर्च तो किए गए लेकिन सालों से बंद पड़ी होने के कारण ये सभी मशीनें अब शोपीस बनकर जंग खा रही हैैं।

शोपीस बने वाटर एटीएम
सितंबर 2017 में करीब 65 लाख कीमत की तीन वाटर वेडिंग मशीन या कहें वाटर एटीएम सिटी रेलवे स्टेशन पर लगाए गए थे। अत्याधुनिक वाटर एटीएम से यात्रियों को सस्ता, ठंडा और शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की यह मुहिम कुछ दिन चलकर ही अधर में अटक गई थी। पहले तो मशीन लगने के करीब एक साल बाद यह सुविधा शुरू हुई। उसके बाद कोरोना संक्रमण और स्टाफ की कमी के कारण यह मशीन पिछले पांच साल से बंद ही पड़ी है। अब मशीनों के ऑपरेटर न मिलने के कारण मशीन स्टेशन के प्लेटफार्म पर खड़े-खड़े जंग खा रही हैं।

लिफ्ट और एक्सलेटर
यही स्थिति स्टेशन परिसर पर करीब दो करोड़ 58 लाख रुपए की लागत से बने एस्क्लेटर और लिफ्ट का है। प्लेटफार्म नंबर वन और टू पर लगे एस्क्लेटर सालभर बंद रहते हैं। मगर रेलवे अधिकारियों का कहना है कि लिफ्ट और एस्क्लेटर ऑपरेट करने वाले स्टाफ की कमी है। वहीं स्टेशन पर आने-जाने वाले यात्री एस्क्लेटर पर गंदगी फैलाकर खराब कर देते हैं। मगर स्टेशन पर रेलवे का कोई बड़ा अधिकारी या कोई वीआईपी आए तो एस्क्लेटर और लिफ्ट दोनों चलने लगते हैैं।

वेडिंग मशीन खा रही धूल
वही दैनिक यात्रियों की सुविधा और टिकट काउंटर का बोझ कम करने के लिए सिटी रेलवे स्टेशन पर 2018 में 18 लाख की लागत से दो अत्याधुनिक टिकट वेडिंग मशीन लगाई गई थी। इन वेडिंग मशीन से दैनिक यात्रियों को आसानी से टिकट मिल जाता है। लेकिन यह सुविधा सालभर में केवल तभी चलती है जब किसी वीआईपी की एंट्री होती है। बाकि पूरे साल ये सुविधाएं आम यात्रियों के लिए बंद ही रहती है। वहीं वाई फाई नेटवर्क के जरिए स्टेशन पर रेलवे स्टॉफ को नि:शुल्क इंटरनेट की सुविधा तो मिल रही है लेकिन इसका पासवर्ड केवल स्टाफ के पास रहता है। इसलिए यात्री इस मशीन की सुविधा नहीं उठा पा रहे हैैं।

हेल्थ एटीएम हुआ गुमशुदा
वहीं सिटी रेलवे स्टेशन पर साल 2019 में करीब 20 लाख की लागत से हेल्थ एटीएम मशीन लगाई गई थी। सिटी रेलवे स्टेशन के अनारक्षित टिकट काउंटर के पास इस हेल्थ मशीन को लगाया गया था। इस मशीन के माध्यम से मात्र 50 से 80 रुपये में 16 तरह की जांच की सुविधा जिनमें ब्लड प्रेशर, बॉडी मास इंडेक्स, मेटाबॉलिक एज, फैट, हाईड्रेशन, पल्स रेट, हाइट मसल मास, बॉडी टेंप्रेचर, बॉडी में ऑक्सीजन की मात्रा और वजन आदि की जांच यात्रियों को मिलनी थी। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते ट्रेनों का संचालन बंद होने और साथ ही यात्रियों की कमी के चलते यह योजना अधर में अटक गई थी। दो साल से यह हेल्थ एटीएम स्टेशन परिसर में धूल फंकता रहा लेकिन जब गत वर्ष भी यह सुविधा चालू नहीं हो सकी। इसके बाद इस मशीन को ही स्टेशन परिसर से हटाकर स्टोर रूम में रख दिया गया।

फैक्ट्स एक नजर में
2.58 लाख करीब की लागत से 2016 जुलाई में बनाए गए थे एस्क्लेेटर और लिफ्ट

18 लाख करीब की लागत टिकट वेंडिग मशीन अप्रैल 2018 में स्टेशन पर लगाई गई थी

65 लाख करीब की कीमत के 3 वाटर एटीएम 2017 में सिटी स्टेशन पर लगाए गए थे

20 लाख करीब की कीमत की हेल्थ एटीएम मशीन 2019 में लगाई गई थी

वाटर एटीएम मुख्यालय स्तर से ही संचालित किए जाएंगे। कोरोना के दौरान ट्रेनों का संचालन बंद होने के कारण यह सेवा बंद कर दी गई थी। इसके अलावा लिफ्ट और एस्क्लेटर चालू हैं कभी कभार पावर की कमी से यह बंद हो जाते हैं। टिकट वेडिंग मशीन में सॉफ्टवेयर की समस्या से इसका उपयोग नही हो पा रहा है।
आरपी सिंह, स्टेशन अधीक्षक