- नमाजियों ने मांगी बाढ़ पीडि़तों व बीआरडी के मृत मासूमों के लिए दुआ

GORAKHPUR: त्याग और कुर्बानी का पर्व ईद-उल-अजहा शनिवार को मनाया गया। शहर के ईदगाहों और मस्जिदों में एक साथ लोगों ने नमाज अदा की और खुशहाली, तरक्की और अमन के लिए दुआ के साथ ही बाढ़ पीडि़तों, मृत बच्चों, म्यांमार, फिलिस्तीन के लोगों के लिए भी दुआ की। शहर में नमाज का सिलसिला सुबह 6.30 बजे से शुरु हुआ जो सुबह 10.30 बजे तक जारी रहा। उसके बाद कुर्बानी का दौर शुरू हुआ। नार्मल स्थित ईदगाह हजरत मुबारक खां शहीद में मौलाना फैजुल्लाह कादरी व गाजी मस्जिद गाजी रौजा में मुफ्ती-ए-गोरखपुर मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कुर्बानी के असल मकसद को समझने पर जोर दिया तो सफाई का महत्व भी समझाया। इस बीच पूरे शहर में प्रशासन की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था और साफ-सफाई का विशेष प्रबंध भी किया गया था।

मांगी मुल्क और कौम की तरक्की

शनिवार भोर से ही ईदगाह के मैदानों और प्रमुख मस्जिदों के आस-पास चहल-कदमी शुरू हो गई थी। नमाज का समय होने तक कई जगह मेले जैसा माहौल हो गया। रानीडिहा, इंजीनियरिंग कॉलेज, फतेहपुर, बाले मियां के मैदान, चिलमापुर, पुलिस लाइंस, इमामबाड़ा स्टेट व बेनीगंज आदि ईदगाहों के साथ ही गाजी मस्जिद गाजी रौजा, मस्जिद खादिम हुसैन तिवारीपुर, जामा मस्जिद सौदागार, गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर, सब्जपोश मस्जिद जाफरा बाजार, सुभानिया मस्जिद तकिया कवलदह, नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर, जामा मस्जिद उर्दू बाजार, जामा मस्जिद रसूलपुर, मदीना मस्जिद, मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार में नमाज शुरू होने के आधे घंटे पहले ही नमाजियों की भीड़ भर चुकी थी। जिन्हें परिसर के भीतर जगह नहीं मिली, उन्होंने परिसर से जुड़े रास्तों पर ही नमाज में शिरकत की। नमाज के बाद मुल्क और कौम की तरक्की के लिए दुआ की और फिर गले मिलकर एक दूसरे को मुबारकबाद दी। ईदगाह के मैदानों व प्रमुख मस्जिदों पर ईद-उल-अजहा की नमाज को लेकर जहां नमाजियों की बेशुमार भीड़ जुटी। वहीं मस्जिदों के आसपास मेले जैसा माहौल था। नई पोशाकों से सजे-संवरे बच्चों ने मेले से खेल-खिलौनों का जमकर लुत्फ उठाया।

यहां दी गई कुर्बानी

शहर के गाजी रौजा, रहमतनगर, तुर्कमानपुर कसाई टोला, पिपरापुर, सौदागर मोहल्ला, बक्शीपुर पावर हाउस के सामने, मदरसा हुसैनिया दीवान बाजार, अस्करगंज कसाई टोला, जमुनहिया, मोहनलालपुर, चक्सा हुसैन जमुनहियां, बिन्द टोला, जाफरा बाजार, बुलाकीपुर, बड़े काजीपुर सहित तीन दर्जन से अधिक जगहों पर कुर्बानी दी गई।

Posted By: Inextlive