भारत-चीन झड़प के दाैरान 20 भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद स्वदेशी जागरण मंच ने एक बड़ी मांग की है। उसका कहना है कि चीनी कंपनियों को देश में टेंडरिंग प्राॅसेज में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया जाए। इसके साथ ही भारत में बिकने वाले चीन निर्मित उत्पादों पर उपकर लगाने की मांग की।


नई दिल्ली (आईएएनएस)। लद्दाख में भारतीय सैनिकाें व चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प हुई। इस दाैरान भारतीय सेना के अधिकारियों समेत 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए। इस घटना के एक दिन बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने बुधवार को मांग की कि चीनी कंपनियों को देश में टेंडरिंग प्राॅसेज में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया जाए। इसके साथ ही स्वदेशी जागरण मंच ने दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस प्रोजेक्ट को चीन की शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड देने के बजाय भारतीय कंपनी को दिए जाने की भी मांग की है। भारत में बिकने वाले चीन निर्मित उत्पादों पर उपकर लगाने की मांग
भारतीयों से चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील करते हुए मंच ने चीनी सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगाने और भारत में बिकने वाले चीन निर्मित उत्पादों पर उपकर लगाने की मांग की। मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने आईएएनएस को बताया कि वह भारतीय अभिनेताओं, खिलाड़ियों और अन्य हस्तियों से अपील कर रहे हैं कि वे चीनी उत्पादों को बढ़ावा न दें। यह सैनिकों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसके साथ ही महाजन ने यह भी मांग की कि महाराष्ट्र सरकार और एक चीनी ऑटो कंपनी के बीच हाल ही में हुए एक समझौते को रद कर दिया जाए।


झड़प में सोमवार रात कर्नल सहित भारतीय सेना के 20 जवान शहीद बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में सोमवार रात एक कर्नल सहित भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए। पांच दशकों में यह सबसे बड़ा सैन्य टकराव है जिसने इस क्षेत्र में पहले से ही अस्थिर सीमा गतिरोध को बढ़ा दिया है। नाथू ला में 1967 के संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है। उस समय भारत ने लगभग 80 सैनिकों को खो दिया था, जबकि 300 से अधिक चीनी सेना के जवान टकराव में मारे गए थे।

Posted By: Shweta Mishra