वाशिंगटन में परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन के भारत सहित 50 देशों के नेताओं की बैठक का आयोजन हुआ। ऐसे में इस सम्‍मेलन के एक दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बड़ी चिंता जताने के साथ चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर अल-कायदा और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों को परमाणु हथियार मिल जाएं तो वे इसका भी भरपूर इस्‍तेमाल करेंगे।


डर्टी बम नहीं बना पाए


परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन के लिए भारत सहित 50 देशों के नेताओं ने भाग लिया। ऐसे में इस आयोजन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यह चेतावनी दी है। ओबामा का देश के नाम अपने साप्ताहिक वेब और रेडियो संबोधन में कहना था कि आज आतंकवाद दुनिया की बड़ी समस्याओं में एक हैं। ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए हर किसी को जागरूक होना होगा। इसके साथ ही सबसे बड़ी बात है कि आज आतंकवादी और आपराधिक गिरोह परमाणु सामग्री के घातक तत्वों पर नजर गड़ाए हुए हैं, लेकिन अभी ये उनकी पहुंच से दूर हैं। हालांकि वे इसको पाने का प्रयास करने में पीछे नहीं हैं लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली है। अब तक के प्रयास की वजह से फिलहाल किसी भी आतंकवादी समूह को परमाणु हथियार नहीं मिला है। इतना ही नहीं वे लाख कोशिशों के बाद भी रेडियोसक्रिय सामग्री का इस्तेमाल कर वे डर्टी बम नहीं बना पाए हैं। इस्तेमाल में पीछे नहीं

इससे साफ है कि अगर आतंकी संगठनों को परमाणु हथियार या परमाणु सामग्री मिल जाते हैं तो वे उसका इस्तेमाल करने में पीछे नहीं रहेंगे। आखिर आईएसआईएल ने सीरिया और इराक में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल तो कर ही दिया है। ऐसे में जरूरी है कि परमाणु सुरक्षा की बेहद जरूरी है। इसके लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास की जरूरत है। उनका कहना है कि शायद इसीलिए परमाणु सामग्री को सुरक्षित रखने के लिए वह वैश्विक प्रयास का नेतृत्व कर रहे हैं। सबसे खास बात तो यह है कि आज अधिकतर देश आईएसआईएल के खिलाफ उनके वैश्विक गठबंधन का हिस्सा हैं। ऐसे में इस शिखर सम्मेलन में वह दुनिया के सबसे खतरनाक नेटवर्क को दुनिया के सबसे घातक हथियार लेने से रोकने का संकल्प लेते हैं। शिखर सम्मेलन के दौरान के उन्होंने आतंकवादी हमले को खत्म करने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया। यह दुनिया के हित में उठाया गया एक बड़ा कदम है।

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Posted By: Shweta Mishra