शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री सचिवालय पहुंचे की कैबिनेट की औपचारिक बैठकविपक्ष एक हो 14 वाले 24 में सफल नहीं होंगे कहा वे कहते हैं विपक्ष खत्म हो जाएगा तो हम भी अब विपक्ष में आ गए हैं उसे मजबूत करेंगे

पटना (ब्यूरो)। बिहार में महागठबंधन की सरकार के मुखिया के तौर पर शपथ लेने के तुरंत बाद नीतीश कुमार ने देश के सभी विपक्षी दलों से एकजुट होने की अपील की और भाजपा पर हमला बोला। नीतीश ने कहा कि विपक्ष एकजुट हो जाए। वे 2014 में जीत गए, 2024 में सफल नहीं हो पाएंगे। उनका इशारा एनडीए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ था।
नीतीश ने बुधवार को आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल फागू चौहान ने उन्हें राजभवन स्थित राजेंद्र मंडप में अपराह्न दो बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। उनके साथ राजद के तेजस्वी यादव ने भी मंत्री पद की शपथ ली। वह सरकार में उप मुख्यमंत्री होंगे। मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों का फैसला होना अभी बाकी है। उनका बाद में शपथ ग्रहण होगा। शपथ लेने के बाद नीतीश और तेजस्वी शाम पांच बजे सचिवालय गए, जहां कैबिनेट की पहली औपचारिक बैठक हुई।
शपथ लेते के बाद राजभवन में ही नीतीश कुमार केंद्र की एनडीए सरकार पर हमला बोला

उन्होंने कहा कि 2014 में जो लोग आए थे, वह यह देख लें कि 2024 में रहेंगे कि नहीं। कुछ लोगों को लगता है कि विपक्ष खत्म हो जाएगा, तो हम भी आ गए हैं विपक्ष में। विपक्ष को मजबूत करेंगे। हालांकि, नीतीश ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ अपने संबंधों को सम्मान के साथ याद किया और उनके गठबंधन धर्म की तारीफ की। कहा कि अटल जी के प्रेम को मैं कभी नहीं भूल सकता। वर्तमान में भाजपा के रवैये पर उन्होंने इशारे-इशारे में तल्ख टिप्पणी की। उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि उस समय जदयू के साथ क्या व्यवहार हुआ, सभी यह जानते हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमें बिहार को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है

बिहार को आगे बढ़ाने के लिए नीतीश कुमार के साथ मिलकर काम करना है। विधानसभा चुनाव के दौरान दस लाख नौकरियां देने के अपने वादे के बारे में कहा कि एक महीने के अंदर युवाओं के लिए रोजगार योजना पर काम होगा। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री यादव, बड़े भाई एवं पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण ङ्क्षसह, हम के संस्थापक जीतनराम मांझी, अशोक चौधरी, शिवानंद तिवारी, अब्दुल बारी सिद्दीकी समेत कई नेता उपस्थित थे। नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर राबड़ी ने कहा कि उन्होंने नीतीश को माफ कर दिया है।

कांग्रेस-राजद कोटे के मंत्रियों का फैसला दिल्ली से
नीतीश कैबिनेट में सबसे ज्यादा मंत्री राजद कोटे से होंगे। दूसरे नंबर पर जदयू होगा और उसके बाद कांग्रेस का नंबर आएगा। वामदल सरकार में शामिल होंगे या नहीं, इसे लेकर संशय बना हुआ है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद अपने मंत्रियों के नाम दिल्ली में बैठकर तय करेंगे तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के नाम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी तय करेंगे। चर्चा है कि नई सरकार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव गुरुवार से शुक्रवार के बीच राजद से मंत्री पद के संभावित नामों की सूची लेकर दिल्ली जाएंगे। पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद मंत्रियों के नाम पर मुहर लगाएंगे।

कांग्रेस ने सूची सोनिया गांधी को भेजी
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी के विधायकों के बीच मंत्री पद को लेकर जारी खींचतान के बीच प्रदेश नेतृत्व ने संभावित नामों की सूची सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अनुमोदन के लिए दिल्ली भेज दी है। कांग्रेस मंत्रियों की सूची में जाति समीकरणों का भी ख्याल रखेगी। कांग्रेस से यदि चार मंत्री होते हैं तो एक मुस्लिम चेहरा निश्चित तौर पर शामिल किया जाएगा। ।

सरकार के संभावित चेहरे :
जदयू : विजय कुमार चौधरी, विजेंद्र प्रसाद यादव, उपेंद्र कुशवाहा, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, संजय झा, लेशी ङ्क्षसह, जयंत राज के साथ ही कुछ नए चेहरों की भी चर्चा है।
राजद : तेजप्रताप यादव, आलोक मेहता, भाई वीरेंद्र, चंद्रशेखर कुमार, शमीम अहमद, भारत भूषण मंडल, अनिल सहनी, समीर महासेठ, वीणा देवी, ललित यादव, कार्तिक ङ्क्षसह, सुनील ङ्क्षसह, रणविजय साहू और अख्तरूल इस्लाम।
कांग्रेस : डा। मदन मोहन झा, अजीत शर्मा, राजेश राम और शकील अहमद खान व अफाक आलाम।

Posted By: Inextlive