टीबी के गंभीर रोगियों का इलाज आइजीआइएमएस में
PATNA: अब एमडीआर टीबी के गंभीर रोगियों की इलाज एवं देखभाल के लिए राजधानी में एक डेडिकेटेड एमडीआर टीवी वार्ड का शुभारंभ आईजीआईएमएस में किया गया। यहां इसकी जांच और इसके रोगियों की समुचित देखभाल की उचित व्यवस्था है। इसका शुभारंभ राज्य स्वास्थ्य समिति के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जीतेंद्र श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने इसे टीबी केयर की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। यहां शुरूआत में आठ बेड का वार्ड बनाया गया है। लेकिन योजना है कि मांग बढ़ने के साथ ही इसे बढ़ाया जाएगा। इस अवसर पर डायरेक्टर डॉ एनआर विश्वास ने कहा कि इंस्टीट्यूट में एक साथ कई प्रकार की मेडिकल सुविधाओं का विस्तार का प्रयास किया जा रहा है। इससे राजधानी ही नहीं प्रदेश भर के पेशेंट की केयर में इजाफा होगा।
अब कैंसर सेंटर पर फोकसआईजीआईएमएस के डायरेक्टर डॉ एनआर विश्वास ने कहा कि अब यहां रीजनल कैंसर सेंटर को विकसित करने और इससे जुड़ी तमाम सुविधाएं देने और ट्राइ इमरजेंसी को शुरू करने का योजना को शुरू करना है। आगामी दो-तीन माह में यह सुविधा शुरू हो पाएगी ऐसा अनुमान है।
सबसे खतरनाक टीबी एमडीआरप्राय: जब दवा का असर बेअसर हो जाता है तो वह बेहद खतरनाक हो जाता है और इसका इलाज भी लंबा चलता है। नेशनल टीबी प्रोग्राम (रीवाइज्ड) के आंकड़ों के मुताबिक दवा बीच में ही छोड़ देने की समस्या गंभीर होती जा रही है इसके कारण ही यह ड्रग रेसिस्टेंट हो जाता है। इसका इलाज काफी महंगा है लेकिन सरकारी अस्पतालों में इसका इलाज किया जाता है। समिति के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जीतेंद्र श्रीवास्तव ने इसके लिए सभी को जागरूक होने का आह्वान किया। इस अवसर पर डाक्टरों के प्रशिक्षण हेतू एक सीएमई प्रोग्राम भी आयोजित किया गया।