PATNA: आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी एकेयू और चीन की यूनान यूनिवर्सिटी के बीच रिवर स्टडीज पर आपसी सहयोग से नदियों से जुड़ी समस्याओं का हल निकाला जाएगा. शनिवार को यूनान यूनिवर्सिटी के एशियन इंटरनेशनल रिवर सेंटर के शिक्षकों और एकेयू के प्रो वीसी प्रो. एसएम करीम के बीच इसके पाठ्यक्रम को व्यापक स्वरूप देने के मकसद से बैठक की गई. वर्तमान में कोर्स के प्रारूप को अंतिम रूप देने के साथ ही यहां भविष्य में चीन के शिक्षक पढ़ा भी सकते है.इस दौरान एशियन इंटरनेशनल रिवर सेंटर के शिक्षक प्रो. यान फेंग ने सुझाव दिया कि कोर्स के अंतर्गत बाढ़ प्रबंधन गाद शोध पर प्राथमिकता दी जाए.

-कोर्स के अंतर्गत बाढ़ प्रबंधन, गाद शोध को दी जाएगी प्राथमिकता

 

चीन में मिलेगा स्कॉलरशिप

एकेयू में आगामी सत्र से रिवर स्टडीज कोर्स पर यूजी, पीजी कोर्स शुरू करने जा रहा है। चीन के शिक्षकों ने बताया कि यहां के यूजी,पीजी छात्र, रिसर्च स्कॉलर एवं शिक्षक के लिए यूनान विवि में छात्रवृति का प्रावधान है। प्रस्तावित केन्द्र के छात्र छात्रवृति ले सकते हैं। बैठक में एशियन इंटरनेशनल रिवर सेंटर के शिक्षक प्रो। दामिंग हे, प्रो। यान फेंग और डॉ वेनलिंग वांग शामिल थे।

 

इनमें मिल सकती है मदद

-बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली में

-हिमालय से चीन और भारत की कई नदियां निकली हैं, इनके साझा अध्ययन का रास्ता साफ होगा

-नदियों से जुड़ी जानकारी के लिए साइंटिफिक डाटा बेस तैयार होगा

-तिब्बत से निकलने वाली नदियों का रेनफाल पैटर्न चेंज होता रहता है ,इस दिशा में नई जानकारी मिलेगी।

-सतलुज ,ब्रह्मपुत्र ,कोशी आदि का उत्पति स्थल चीन में है। चीन और भारत के वैज्ञानिकों के एकसाथ मिलकर अध्ययन बेहतर होगा।

Posted By: Inextlive