- 95 प्रतिशत से अधिक हुआ बिहार का रिकवरी रेट, पटना का 92.93 प्रतिशत

- तेजी से बढ़ी रिकवरी, पटना का खास योगदान

PATNA :

देशभर में कोरोना के रिकवरी रेट के मामले में बिहार राष्ट्रीय औसत से काफी बेहतर है और टॉप राज्यों में से एक है। बिहार में अब तक 95.68 प्रतिशत लोगों ने कोरोना को मात दी है। या यूं कहें कि कोरोना यहां दो लाख छह हजार 625 बार हार चुका है। अब यहां एक्टिव केस 5 प्रतिशत भी नहीं रह गए हैं। खासतौर पर बीते तीन से चार महीनों में यह बड़ी अचीवमेंट हासिल करने का प्रयास शुरू हुआ जो अब लगभग सफल होता नजर आ रहा है। इस मामले में पटना जिले का अहम रोल रहा है, क्योंकि यहां सबसे अधिक इनफेक्टेड केस मिले और कोरोना के बेहतर अनुपालन करके पटना जिला में अब रिकवरी रेट 92.93 प्रतिशत हो गया है। इस बड़ी सफलता के पीछे विशेषज्ञों का मानना है कि अधिक से अधिक जांच होम आइसोलेशन की व्यवस्था और कोविड-19 नियमों के अनुपालन करके बेहतर स्थिति हुई है।

प्रतिदिन एक लाख से अधिक जांच

बीते कम से कम 2 महीनों के दौरान प्रतिदिन औसतन एक लाख से अधिक कोरोना जांच किए गए हैं और इसकी रफ्तार तेज होने के साथ ही नए एक्टिव केसेस में भी कमी देखी गई। वर्तमान में प्रदेश स्तर पर एक्टिव केसेस की संख्या महज आठ हजार 254 रह गई है। जो कुल मामलों का 5 प्रतिशत से भी कम है। इसी प्रकार पटना में भी अब इसके मामले लगभग 7 प्रतिशत रह गए हैं। प्रदेश स्तर पर शुक्रवार को 1 लाख 45 हजार 913 जांच किए गए।

4 माह में 18 प्रतिशत से ज्यादा रिकवरी

प्रदेश स्तर पर कोरोना के रिकवरी रेट पर नजर डालें तो पता चलता है कि यहां 30 जून से अब तक लगभग 120 दिनों में 18.68 प्रतिशत रिकवरी रेट बढ़ा है। 30 जून को बिहार का रिकवरी रेट 77 प्रतिशत था जो अब 95.68 प्रतिशत है। इसी प्रकार पटना जिले का रिकवरी रेट 30 जून को 45.72 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 92.93 प्रतिशत हो गया है। यदि 30 अगस्त से यह आकलन करें तो बिहार का रिकवरी रेट 86.88 प्रतिशत और पटना का 74.83 प्रतिशत था। कुल मिलाकर इस अवधि में पटना के रिकवरी रेट में जबरदस्त सुधार दिखा जबकि प्रदेश स्तर पर रिकवरी रेट में भी सुधार हुआ।

पटना का अहम रोल

रिकवरी रेट बेहतर करने में जिला और प्रदेश स्तर दोनों ही दृष्टिकोण से पटना का अहम स्थान है। क्योंकि कोरोना की जंग बेहतर तरीके से लड़ने में जांच सबसे बड़ा फैक्टर साबित हुआ है। पूरे प्रदेश में सबसे अधिक जांच पहले और अब भी पटना में हो रहे हैं। पटना में आईसीएमआईआर के संस्थान आरएमआरआई, एम्स पटना, पीएमसीएच, एनएमसीएच और आईजीआईएमएस में बड़े स्तर पर आरटीपीसीआर की जांच हो रही है। इसके अलावा पटना के सभी सीएचसी और पीएचसी लेवल पर भी जांच हो रही है।

बिहार का रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत से काफी बेहतर है। राष्ट्रीय औसत 91 प्रतिशत के करीब जबकि बिहार का 95 प्रतिशत से अधिक है। इसकी बड़ी वजह बीते लगभग 3 महीने में विशाल स्तर पर किए गए जांच हैं।

- डॉ एसके शाही, पूर्व एचओडी आईजीआईएमएस पटना

बिहार का रिकवरी रेट

तिथि - कुल मामले - रिकवरी रेट प्रतिशत

30 अक्टूबर - 215964 - 95.68

29 अक्टूबर- 214946 - 95.55

28 अक्टूबर- 214163 - 95.40

27 अक्टूबर - 213 383 - 95.25

26 अक्टूबर - 212705 - 94.97

25 अक्टूबर - 212192 - 94.69

24 अक्टूबर - 211443 - 94.36

23 अक्टूबर - 210 389 - 94.32

22 अक्टूबर - 209269 - 94.22

21 अक्टूबर - 208238 - 94.22

20 अक्टूबर - 206961 - 94.17

19 अक्टूबर - 205124 - 94.47

18 अक्टूबर - 204212 - 94.31

17 अक्टूबर - 203060 - 93.31

16 अक्टूबर - 201887 - 94.24

15 अक्टूबर - 200825 - 94.01

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(रिकवरी रेट)

तिथि - बिहार - पटना

30 अक्टूबर - 95.68- 92.93

15 अक्टूबर - 94.01 - 91.47

30 सितंबर - 92.47 - 92.24

15 सितंबर - 90.96 - 91.77

30 अगस्त - 86.88 - 88.47

15 अगस्त - 67.39 - 74.83

30 जुलाई - 65.98 - 58.88

15 जुलाई - 67.08 - 54.17

30 जून - 77.0 - 45.72

Posted By: Inextlive