ऑपरेशन थियेटर में दलाल बेच रहे लेंस
- आई लेंस सप्लाई नहीं होने का लाभ उठा रहे दलाल
- वार्ड अटेंडेंट है जरूरतमंद पेशेंट को कराते हैं अवेलेबल - एनएमसीएच में दो साल से चल रहा है ये गोरखधंधाPATNA CITY: एनएमसीएच में दलालों का एक संगठित गिरोह काम करता है जो यहां इलाज कराने आने वाले पेशेंट्स को बीच में ही ट्रैप कर लेता है। हॉस्पीटल के आई डिपार्टमेंट के ऑपरेशन थियेटर में इनका कब्जा है। गिरोह इस धंधे को ऑपरेशन थियेटर और लेजर रूम से ऑपरेट करता है। मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले पेशेंट व उनके अटेंडेंट मुख्य रूप से इन दलालों के टारगेट होते हैं। जानकारी हो कि एनएमसीएच में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने अधिकांश गरीब लोग आते हैं। इस दौरान ऑपरेशन से पहले ही दलाल अटेंडेंट को बहला-फुसलाकर आई लेंस खरीदने के लिए तैयार कर लेता है। दलालों का गिरोह एक लेंस को फ्00 से क्000 रुपए में बेचता है। पिछले दो वर्ष से यहां इस गिरोह का कब्जा है। इसकी जानकारी सभी को है, लेकिन उस पर पर्दा डाले बैठे हैं।
जरूरत के मुताबिक मिल जाएगालेंस का यह गोरखधंधा डिपार्टमेंट में पोस्टेड वार्ड अटेंडेंट उमा शंकर प्रसाद करता है। इनकी ड्यूटी लेजर रूम में है। अगर इसकी जांच की जाए तो एक बड़ा नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। इस संदर्भ में उमा शंकर प्रसाद से मोबाइल पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि आपको जरूरत के मुताबिक लेंस अवेलेबल करा दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि तीन सौ रुपए वाला लेंस उतना बेहतर नहीं है, उसमें पानी आ जाता है। हालांकि अधिकांश पेशेंट सस्ता होने के कारण तीन सौ रुपए वाला लेंस ही लेता है।
सप्लाई नहीं होने का उठाते फायदा एनएमसीएच में करीब दो साल से लेंस की सप्लाई ठप है। पिछले वर्ष ख्0क्फ् में 7 जून को भ्0 पीस लेंस सप्लाई की गई थी। इसके बाद से सप्लाई बंद है। इसका लाभ दलाल को मिला। यह सिर्फ एक एग्जांपल है। सूत्रों की मानें तो एनएमसीएच का कोई ऐसा डिपार्टमेंट नहीं है जहां दलालों की पैठ नहीं है। इसमें कई स्टाफ व सिक्योरिटी गार्ड भी शामिल हैं। बेमानी है ब्0 सीसीटीवी लगाना गोरखधंधा खत्म करने के लिए लाखों रुपए खर्च कर ब्0 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, लेकिन जिस तरीके से गोरखधंधा सामने आया है उससे यही लगता है कि ब्0 सीसीटीवी कैमरे लगाना बेमानी हैं। सुपरिंटेंडेंट पहले ही कई बार दावा कर चुके हैं कि दलालों पर नकेल कसी जाएगी, लेकिन उनके दावे भी फ्लॉप साबित हुए।कितना वाला चाहिए, मिल जाएगा
लेजर रूम में मिलेंगे, वहीं मेरी ड्यूटी है आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने एक पेशेंट का अटेंडेंट बनकर दलाल उमा शंकर प्रसाद के मोबाइल नंबर 9फ्08ब्क्ख्म्9ब् पर शुक्रवार की शाम 7.क्म् बजे बात की। फ् मिनट भ्7 सेकेंड बात हुई। रिपोर्टर : हैलो उमाशंकर जी। एजेंट : हां, कौन बोल रहा है? रिपोर्टर : हमें लेंस की जरूरत है, मिल जाएगा? एजेंट : कौन बोल रहा है, कहां से बोल रहा है? रिपोर्टर : मेरा पेशेंट है, दो दिन में एनएमसीएच में ऑपरेशन होना है। एजेंट : कब है? रिपोर्टर : सोमवार को। एजेंट : अच्छा, सोमवार को। रिपोर्टर : हां। एजेंट : कौन वाला लेंस चाहिए? रिपोर्टर : मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कैसा लेंस लगेगा? एजेंट : एक फ्00 में आता है और दूसरा क्000 में, आपको कौन सा लेंस लेना है? रिपोर्टर : बढि़या कौन होता है, एक हजार वाला? एजेंट : एक हजार वाला चुंबक की तरह सट जाता है और तीन सौ वाले में पानी भर जाता है। हालांकि तीन सौ वाला भी ठीक ही रहता है, लेकिन एक हजार वाला ज्यादा बढि़या है। रिपोर्टर : आप देंगे या हॉस्पीटल से मिलेगा?एजेंट : हॉस्पीटल से नहीं मिलेगा, दुकान से लाना पड़ेगा। सोमवार को ड्यूटी पर हम रहेंगे भाई और कल भी आएंगे।
रिपोर्टर : कहां मिलिएगा सोमवार को? एजेंट : सोमवार को हॉस्पीटल में ही मिलेंगे, जहां आपका ऑपरेशन होगा। रिपोर्टर : ऑपरेशन थियेटर में मिलिएगा? एजेंट : ऑपरेशन थियेटर में लेजर रूम है, वहीं मिलेंगे। वहीं मेरी ड्यूटी है। रिपोर्टर : एक हजार वाले लेंस में कुछ कम भी होगा? एजेंट : सोमवार को तो ऑपरेशन में उदय बाबू रहेंगे। रिपोर्टर : नहीं, पूछ रहे हैं कि एक हजार वाला में कुछ कम करिएगा? एजेंट : एकाध सौ रुपए कम कर देंगे। पहले ऑर्डर लेना पड़ता है, मंगाना पड़ता है। मिलिए न सोमवार को। कितना नंबर है लेंस का? रिपोर्टर : घर जाएंगे तो देख के बताएंगे। लालमणि देवी की सास को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद लेंस लगाया गया है। यहीं के स्टाफ से फ्00 में लेंस खरीदी। बुधवार को जब दिखाने पहुंचे थे तभी स्टाफ को लेंस के लिए सेट कर लिया था। - गुंजा देवी, पुआ गली, पटना सिटी अपनी सास राधा देवी, चचेरी सास राम दुलारी देवी और मां जयमंती देवी की एक साथ मोतियाबिंद आपॅरेशन करवाए हैं। तीनों के लिए हॉस्पीटल के स्टाफ से ही 900 रुपए में लेंस खरीदे हैं।- सुनीता देवी, सादिकपुर
मां प्रतिमा देवी की मोतियाबिंद ऑपरेशन कराए हैं। इनके लिए ऑपरेशन थियेटर से ही फ्00 में लेंस खरीदे हैं। - ममता देवी, अथमलगोला बहनोई बैजू महतो के मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाए हैं। हॉस्पीटल के ही एक स्टाफ से लेंस फ्00 रुपए में खरीदे हैं। - विजय कुमार, मालसलामी