ये कहां का इंसाफ है?
- गवर्नमेंट ऑफिस को हाईटेक बनाने वाले डाटा ऑपरेटर उतरे सड़क पर
- पशु एवं मत्स्य डिपार्टमेंट से हटाए गए 25 डाटा इंट्री ऑपरेटर को वापस लेने की मांगPATNA : गवर्नमेंट ऑफिस में डाटा ऑपरेटर की हालत खराब है। बड़े-छोटे बाबू से लेकर साहब की भी सारी एक्टिविटी अब डाटा ऑपरेटर के माथे ही डाल दिया गया है। डाटा तैयार करने से लेकर, लेटर लिखना, हिंदी और इंग्लिश करना, पुरानी फाइलों को फिर से तैयार करना, स्कैन करना, लेटर को नेट पर अपडेट करना जैसे तमाम कामों की जवाबदेही हर ऑफिस के एक से दो डाटा ऑपरेटर पर डाल दिया गया है। उस पर जॉब का प्रेशर भी, थोड़ा कसकर बोले नहीं कि साहब कभी भी निकाल सक ते हैं। खैर डाटा ऑपरेटर अपनी इस प्राब्लम को लेकर पहली बार गांधी मैदान कारगिल चौक से लेकर आर ब्लॉक चौराहा तक प्रदर्शन किया। मामला ख्भ् डाटा ऑपरेटर की नौकरी वापस लेने से लेकर अपनी जॉब की सिक्योरिटी तक का है।
दिखाई अपनी ताकतहजारों की ताकत के साथ शहर की सड़कों पर पहुंचे डाटा ऑपरेटर की डिमांड में मानेदय पंद्रह हजार रुपए करने, इसके अलावा महंगाई भत्ता, एनुअल अलाउंस, नियमित बहाली, आउट सोर्सिग को हटाकर सीधे बहाली करने आदि शामिल है। इस दौरान बिहार राज्य डाटा इंट्री कम्यूटर ऑपरेटर संघ सहित विभिन्न डिस्ट्रिक्ट से डाटा ऑपरेटर आए हुए थे। रैली कारगिल चौक होते हुए फ्रेजर रोड, डाकबंगला, जंक्शन जीपीओ सहित आर ब्लॉक तक पहुंची।
ऑपरेटर ने सुनाई आपबीती जिस तरह से काम लिया जा रहा है उस हिसाब से न तो मानदेय दिया जाता है और न ही सम्मान मिलता है। ऑफिसर्स से लेकर कर्मी बेवजह परेशान करते हैं। - संजय सिन्हा, डाटा ऑपरेटर गवर्नमेंट ऑफिस के कर्मी कंप्यूटर छूना नहीं चाहते। हमलोग ही सारा काम करते हैं। इसके बाद भी बार-बार धमकी मिलती है कि कभी भी निकाल देंगे। - उत्कर्ष, डाटा ऑपरेटर