कांटे के संघर्ष में कुढऩी में खिला कमल
कांटे के संघर्ष में हर चक्र में उतार-चढ़ाव के साथ कुढऩी में कमल खिल ही गया। यानी कुढऩी विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की है। बीजेपी के कैंडिडेट केदार प्रसाद गुप्ता ने महागठबंधन समर्थित जेडीयू के कैंडिडेट मनोज कुमार ङ्क्षसह उर्फ मनोज कुशवाहा को 3649 मतों से हराया। गुरुवार को मुजफ्फरपुर के आरडीएस कॉलेज में बने मतगणना केंद्र में हुई वोटों की गिनती में बीजेपी कैंडिडेट को 76,722 तो जदयू प्रत्याशी को 73,073 वोट मिले। शेष 11 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
नोटा में पड़े 4448 वोट
ज्ञात हो कि राजद विधायक अनिल कुमार सहनी की सदस्यता अवकाश एवं यात्रा भत्ता (एलटीसी) घोटाले में तीन साल की सजा होने पर रद कर दी गई थी। इसके बाद यहां उपचुनाव हुए। 320 बूथों पर 1,80,857 मतदाताओं ने वोट डाले। वहीं 159 मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट से मतदान किया। उम्मीद के अनुरूप भाजपा और जदयू उम्मीदवारों में कांटे का संघर्ष रहा। पहले चक्र से उतार-चढ़ाव बना रहा। शुरुआती चार चक्र में भाजपा उम्मीदवार ने बढ़त बनाई। इसके अगले दो चक्र में जदयू उम्मीदवार को बढ़त मिली। यह बढ़त दो चक्र तक कायम रही। भाजपा ने सातवें और आठवें चक्र में बढ़त बनाई, मगर फिर पिछड़ गई। नौवें से लेकर 18वें चक्र की मतगणना तक जदयू उम्मीदवार ने बढ़त कायम रखी। 19वें चक्र से भाजपा ने बढ़त बनानी शुरू की। यह अंत तक कायम रही। तीसरे स्थान पर वीआइपी उम्मीदवार निलाभ कुमार रहे। उन्हें 10,000 वोट मिले। वहीं एआइएमआइएम उम्मीदवार मो। गुलाम मुर्तुजा ने 3206 प्राप्त किए। नोटा में 4448 वोट पड़े। जीत और हार के अंतर से यह वोट अधिक है।
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता महज 712 वोट से हार गए थे। तब भाजपा ने जदयू के साथ चुनाव लड़ा था। उपचुनाव में राजद ने यह सीट जदयू को दे दी। भाजपा ने जीत दर्ज कर महागठंधन से यह सीट छीन ली। एकमात्र जगह पर चुनाव होने के कारण दोनों गठबंधनों के नेताओं ने पूरी ताकत झोंकी थी। कई मंत्रियों ने यहां डेरा डाला तो भाजपा और लोजपा के दोनों गुट के नेताओं ने ताबड़तोड़ प्रचार किया था।