PATNA: पिछले साल हुए कानपुर के पास पुखरायां रेल हादसा में आईएसआई की साजिश सामने आई है. यह हादसा नहीं बल्कि आतंकियों की सोची समझी योजना के तहत की गई वारदात थी. यह खुलासा किया है मोतिहारी पुलिस ने. मंगलवार को पटरियों पर आईईडी लगाकर ब्लास्ट करने वाले गिरोह का पता करते हुए पुलिस के हाथ तीन संदिग्ध आरोपी लगे. उन्होंने जो खुलासा किया वह चौंकाने वाला है. उन्होंने डी कंपनी की मदद से देश में रेलवे ट्रैक को उड़ाकर सैकड़ों लोगों की जान लेने की साजिश की थी. कानपुर में 21 नवंबर को हुए ट्रेन हादसे को भी अंजाम देने में इनका हाथ था. ट्रेन इंदौर से पटना जा रही थी इसी बीच पुखरायां में रेल हादासा हो गया और 152 लोगों की जान चली गई. इसके बाद सियालदह-अजमेर भी बेपटरी हो गई थी. जिसकी जांच अब भी पुलिस कर रही है.

 

ऐसे सामने आया सच

इस साजिश का पता तब हुआ जब मोतिहारी पुलिस एक हत्या की गुत्थी सुलझा रही थी। पूर्वी चंपारण जिले के दो युवक अरुण राम और दीपक राम के शव नेपाल में 28 दिसम्बर को मिले। इसकी जांच में लगी मोतिहारी पुलिस ने नेपाल पुलिस के सहयोग से 6 लोगों उमाशंकर पटेल, मोती पासवान, मुकेश यादव, बृजकिशोर गिरी, मुजाहिद अंसारी और शम्भू गिरी को गिरफ्तार किया। मोती ने खुलासा किया कि सियालदह अजमेर में हुए हादसे में डी कंपनी का हाथ है। वे इस कांड में सहयोगी थे। इनका संबंध आईएसआई और डी कंपनी से बताया जा रहा है। अरुण और दीपक की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन में बम ब्लास्ट नहीं किया था। उसने 3 लाख रुपए लेकर रेलवे ट्रैक उड़ाने की जिम्मेदारी ली थी। दोनों को नेपाल बुलाकर बृजकिशोर गिरी, मुजाहिद अंसारी और शम्भू गिरी ने पैसे वापस मांगे तो दोनों की हत्या कर दी गई। पुलिस ने 3 आरोपी को 

गिरफ्तार किया। वहीं 3 नेपाल पुलिस की गिरफ्त में है. 

 

नेपाल का कनेक्शन

देश से लगने वाली नेपाल की 1751 किमी खुली सीमा है संवेदनशील।

नेपाल को आईएसआई और डी कंपनी ने बना रखा है बेस।

नेपाल से डी कंपनी और आईएसआई करती है फेक करेंसी का कारोबार।

देश में होने वाली आतंकी घटनाओं पर नेपाल सीमा पर होती है खुफिया निगाहें।

काठमांडू जेल में बंद युनूस अंसारी डी कंपनी के लिए करता था काम।

नेपाल के पूर्व सांसद स्वर्गीय दिलशाद बेग मिर्जा का रहा है आईएसआई से कनेक्शन।

नेपाल का चर्चित शूटर परवेज टाडा भी करता था डी कंपनी के लिए काम. 

गुलशन कुमार का हत्यारा विक्रम वाही का शव भी नेपाल सीमा से मिला था ।

 

ऐसे काम करता है डी कंपनी

डी कंपनी और आईएसआई का नेपाल कनेक्शन काफी पुराना है। नेपाल में ऐसे माडयूल्स हैं जो दोनों के लिए काम करते है। पूर्व में पर्यटन स्थलों को निशाना बनाया जाता था। अब टॉरगेट पर रेल है। वह छोटे सा धमाका कर बड़ी तबाही मचाना चाहते हैं।  रेल दुर्घटना जांच में पाकिस्तान से दुबई तक का कनेक्शन खुल सकता है।    

 

दुबई के कारोबारी ने दिए थे पैसे

पूछताछ में सामने आया कि इन्हें नेपाल में दुबई के कारोबारी शमशुल होदा ने पैसे दिए थे, शमशुल के आईएसआई और दाऊद इब्राहिम से लिंक की बात सामने आ रही है।

 

संपर्क क्रांति उड़ाने की थी प्लानिंग 

1 अक्टूबर 16 को बम से आनंद विहार से समस्तीपुर आने वाली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को उड़ाने की योजना थी। लेकिन यह योजना अचानक फेल हो गई।

 

 

तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनका रेल हादसों से कनेक्शन मिला है। इनके तीन साथी नेपाल में भी पकड़े गए हैं। ये किस संगठन के लिए काम करते हैं, इसकी जांच पड़ताल चल रही है।

- जितेंद्र राणा, 

एसपी मोतिहारी

Posted By: Inextlive